
नई दिल्ली। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने राज्य में बिक्री और वितरण के लिए पाकिस्तान से चीनी के आयात का विरोध किया है।
सोमवार को मनसे नेता संदीप देशपांडे ने एएनआई को बताया कि पार्टी पड़ोसी देश से शुगर खरीदने के लिए कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) को भी पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि वे पाकिस्तान से शुगर का आयात न करें।
संदीप देशपांडे ने कहा है कि एपीएमसी को पाकिस्तान जैसे देश से चीनी खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमने कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) को पत्र लिखे हैं और उन्हें चेतावनी दी है कि पाकिस्तान से आने वाली कोई भी चीनी न खरीदें या अन्यथा हमें हम उनके साथ अपने तरीके से निपटेंगे।
मनसे के अनुसार, हमारा यह कदम से घरेलू गन्ना किसानों के पक्ष में है, जिससे उनके लाभ में बढ़ोतरी होगी। यानि वे अपना माल बाजार में ज्यादा बेच पाएंगे।
भारत पाकिस्तान से लगभग 30,000 क्विंटल चीनी आयात करता है क्योंकि भारतीय चीनी की तुलना में पाकिस्तान की चीनी एक रुपये सस्ती है।
बता दें, राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना पाकिस्तान का घोर विऱोध करती है। यहां तक कि गाहे-ब-गाहे पाकिस्तानी कलाकारों का भी विरोध करती रहती है। उनका मानना है कि जो देश हमारे जवानों की सीमा पर जानें ले रहा है, उस देश के साथ सारे संबंध तोड़ लेना चाहिए।
इसके साथ महाराष्ट्र में राज ठाकरे की पार्टी मनसे हासिये पर चली गई है। हाल के विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे की पार्टी की स्थिति बहुत दयनीय थी और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी।
अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए राज ठाकरे की पार्टी के नेता कोई न कोई मुद्दा ढूंढ़ते रहते हैं। महाराष्ट्र में कभी उत्तर भारतीयों का विरोध करके अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करते हैं। कभी देश के अन्य मुद्दों पर भी अपनी राय देते हैं, लेकिन उसमें भी ज्यादातर बाते सरकारों के खिलाफ ही होती हैं।