कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। सभी पार्टियों के प्रदेश के सभी दिग्गज अपना वोट डाल रहे हैं। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों नेपाल के दौरे पर हैं। नेपाल पहुंचने के बाद उन्होंने मंदिर में कल भी दर्शन करने गए थे और आज भी उन्होंने वहीं पूजा-अर्चना की है।
नेपाल में पीएम मोदी के मंदिर जाकर पूजा करने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा है कि कर्नाटक में आचार संहिता लगई हुई है, जिसकी वजह से पीएम मोदी मतदाताओं को लुभाने के लिए देश के बाहर यानि नेपाल में पूजा करने की योजना बनाकर गए हैं। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। सवाल यह है कि पूजा करने के लिए पीएम मोदी ने आज का ही दिन क्यों तय किया। इसके पहले याद बाद में क्यों नहीं।
बता दें, कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और दक्षिण के इस राज्य की सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस जी जान से लगी है। अगर यहां से कांग्रेस बेदखल हो जाती है तो दक्षिण का एक बड़ा राज्य उसके हाथ से निकल जाएगा और कांग्रेस का आत्मविश्वास पूरी तरह से डगमगा जाएगा। राहुल गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर भी सवाल उठने लगेंगे। इसलिए कांग्रेस के लिए यहां पर करो या मरो की स्थिति बनी हुई है। कर्नाटक को बचाने के लिए कांग्रेस कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी अगर कर्नाटक में सरकार बनाने में कामयाब हो जाती है तो उसका आत्मविश्वास बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा औऱ यह सच साबित हो जाएगा कि अमित शाह सच में भाजपा के चाणक्य हैं। उनका कद और बढ़ जाएगा। साथ 2019 की लड़ाई भारतीय जनता पार्टी के लिए और आसान हो जाएगी। इसके साथ साल 208-19 में दूसरे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की राह और आसान हो जाएगी।
कर्नाटक का यह इतिहास रहा है कि 1985 के बाद से कोई एक पार्टी लगागार सत्ता में वापसी नहीं की है। अगर इतिहास में जाकर देखा जाए तो यह सच हो सकता है कि कांग्रेस दुबारा सत्ता में वापसी न कर पाये। लेकिन, कांग्रेस ने मतदाताओं को लुभाने के लिए जिस तरह की चाल चली है और मठों में जाकर राहुल गांधी ने जिस तरह से समर्थन जुटाया है तो कांग्रेस के लिए राहें काफी आसान लगती हैं। लेकिन यह तो 15 मई को परिणाम आने के बाद ही तय होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है। राज्य में सरकार किसकी बनती है भाजपा या कांग्रेस की या फिर किसी और के साथ किसी का गठबंधन होगा।