
बेंगलुरु। कर्नाटक पुलिस ने दावा किया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नियंत्रण में और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। पूरे प्रदेश में 20 प्रतिशत मतदान केंद्र संवेदनशील हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए 82157 पुलिस और होमगार्ड के जवानों को लगाया गया है। 585 केंद्रीय बलों की टुकडि़यां तैनात की गई हैं। अभी तक किसी सांप्रदायिक हिंसा की खबर नहीं आई है। अभी तक 166 करोड़ रुपये नगद और चुनाव से संबंधित अन्य सामानों को पकड़ा गया है।
उधर खबर आ रही है कि आयकर विभाग ने कर्नाटक सरकार में मंत्री विनय कुलकर्णी के करीबी प्रशांत केकरे के सप्तापुर एरिया स्थित उनके आवास पर छापा मारा है।
बता दें, 12 मई को कर्नाटक विधानसभा के लिए मतदान होगा। मतगणना और परिणाम 15 मई को घोषित किए जाएंगे। अपनी पार्टी की जीत पक्की करने के लिए दोनों ही पार्टियों के बड़े नेताओं ने अंतिम समय तक पुरजोर कोशिश की है। कल राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि पीएम केवल बेमतलब की बातें करते हैं। वे बुनियादी जरूरतों की बात नहीं करते हैं। वहीं पीएम मोदी ने सोनिया गांधी को चुनौती दी थी कि वे किसी भी भाषा में सही ढंग से बात नहीं कर सकती हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। अगर कांग्रेस फिर से कर्नाटक में वापसी कर लेती है तो उसका मनोबल बढ़ेगा और 2019 के आम चुनाव और साल के अंत में होने वाले कई प्रदेशों के विधानसभा चुनाव में उसके हौसले बढ़ जाएंगे और हर जगह अपनी सरकार बनाने के लिए पुरजोर कोशिश करेगी। वहीं अगर भाजपा जीत जाती है तो यह तय हो जाएगा कि उसके अशवमेघ यज्ञ को घोड़े को फिलहाल कोई रोक नहीं सकता है। कांग्रेस की जीत पर यह भी सही साबित हो जाएगा कि राहुल गांधी को सही समय पर अध्यक्ष बनाया गया। अगर ऐसा नहीं होता है और भारतीय जनता पार्टी की जीत हो जाती है तो अमित शाह का कद और बढ़ जाएगा और यह बात पूरी तरह से सच साबित हो जाएगी कि वे सच्चे चाणक्य हैं।
(फोटो-साभार एएनआई)