दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक प्रॉपर्टी डीलर की हत्या की मिस्ट्री जब सुलझी तो सब हैरान रह गए। आर्थिक तंगी से परेशान नरेश यादव नाम के प्रॉपर्टी डीलर ने अपनी ही हत्या के लिए 1 महीने से प्लानिंग की थी। वहीं इस प्लान को 5 मई को विजय नगर इलाके में तिगरी गोल चक्कर के पास अपने ऑफिस में नरेश ने अमलीजामा पहना दिया। 5 मई को पुलिस को सूचना मिली थी कि i20 में सवार होकर आए बदमाशों ने नरेश यादव की एक के बाद एक कई गोलियां मारकर हत्या कर दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा तो वहां खून ही खून बिखरा हुआ था, जिसके बाद नरेश यादव को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर उनकी मौत हो गई। पुलिस ने केस की जांच शुरू की और आज खुलासा हुआ कि नरेश ने खुद को ही मारा था और इस आत्महत्या के लिए वो 1 महीने से प्लानिंग भी कर रहा था। यही नहीं शक ये भी है कि इस आत्महत्या को नरेश हत्या के रुप में दिखाना चाहता था।
गाजियाबाद एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि नरेश यादव आर्थिक तंगी से लंबे समय से जूझ रहे थे। कुछ समय पहले उनके बेटे से भी उनका झगड़ा हो गया था और परिवार उनकी बिल्कुल भी इज्जत नहीं करता था। इसी बात को लेकर वह काफी परेशान रहता था। वहीं उनके सिर पर बहुत ज्यादा उधारी थी। उन्हें लगा कि अगर आत्महत्या करेंगे तो उधारी मांगने वाले बाद में उनके परिवार को तंग करेंगे। ऐसे में उन्होंने पूरा प्लान तैयार करते हुए आत्महत्या को हत्या का रुप देने की कोशिश की। 5 मई को उन्होंने अपने पहचान वाले जोगेंद्र नाम के शख्स को अपने पास बुलाया और कहा कि उन्हें तमंचा चाहिए। जोगिंदर ने उन्हें विजय नगर इलाके से तमंचा दिलवा दिया। इसके बाद तमंचे के लिए गोलियों की आवश्यकता थी तो जोगेंद्र ने नरेश को गौतम बुद्ध नगर के एक शख्स से गोलियां भी दिलवा दिया। इसके बाद जोगेंद्र ने नरेश को उनके ऑफिस पर विजयनगर छोड़ दिया। जोगेंद्र जिस गाड़ी से आया था, उस i20 गाड़ी पर नंबर नहीं था। शायद नरेश को यह बात पता थी। जोगेंद्र के जाते ही नरेश ने खुद को गोली मार ली। ऐसे में लोगों को लगा कि बिना नंबर वाली i20 गाड़ी में बदमाश नरेश की हत्या करके फरार हो गए हैं।