वॉलमार्ट भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदने जा रही है। इन दोनों कंपनियों के बीच इसकी फाइनल डील हो चुकी है। वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी को 16 अरब डॉलर यानि लगभग 1.07 लाख करोड़ रुपये में खरीद रहा है। वहीं इस डील के बाद स्वदेशी जागरण मंच ने इस सौदे का विरोध किया है। इस मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि वॉलमार्ट के ई-कॉमर्स क्षेत्र में आने से देसी करोबारियों और उद्योगों को भारी नुकसान होगा। वहीं इस मंच की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा गया। इस पत्र में इस डील को अनैतिक और राष्ट्रहित के खिलाफ बताया है। वहीं मंच ने दावा किया है कि अमेरिकी रिटेल कंपनी मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया अभियान को मार देगी।
Walmart to Invest in Flipkart Group, India’s Innovative eCommerce Company
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— Flipkart (@Flipkart) May 9, 2018
वहीं एक न्यूज एजेंसी से स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण ओझा ने कहा कि इस डील से छोटे कारोबारियों का करोबार चौपट हो जाएगा और देशभर में इससे 20 से 22 करोड़ परिवार प्रभावित होंगे। इसके अलावा इस डील के विरोध में व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानि CAIT ने कहा कि वॉलमार्ट की भारत के खुदरा बाजार पर कब्जा जमाने की कोशिशों का ये एक हिस्सा है। वहीं CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार तुरंत ई-कॉमर्स के लिए एक नीति लाए और एक नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाए। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि तब तक इस सौदे को स्थगित किया जाए।