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देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला दिया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब तक जो मुफ्त में सरकारी घर मिले हुए थे, वो अब नहीं मिल पाएंगे। सोमवार को एनजीओ लोकप्रहरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कार्यकाल के बाद जनता के सरकारी धन से ये सुविधाएं उचित नहीं हैं। साथ ही कोर्ट ने इसे गैरकानूनी करार दिया है।
ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी घर खाली करना होगा। वहीं इससे पहले राज्य सरकार द्वारा एक कानून बनाया गया था, जिसके अंतर्गत पूर्व मुख्यमंत्रियों को स्थायी आवास के तौर पर सरकारी बंगले दिए गए थे। वहीं अब इस कानून को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
कानून की मानें तो राज्य सरकार द्वारा 5 मुख्यमंत्रियों (एनडी तिवारी, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और मायावती) को सरकारी बंगला दिया गया था। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन सभी को सरकारी बंगला खाली करना होगा। वहीं इससे पहले 2016 में कोर्ट ने आदेश दिया था कि पूर्व सीएम सराकरी बंगला वापस कर दें। साथ ही राज्य सरकार से कोर्ट ने ये भी कहा था कि इन लोगों से इन बंगलों का किराया लिया जाए।