
1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरियाई रिश्तों में कुछ खटास सी आ गई थी, दोनों देश के बीच की जो बार्डर की लाइन है वो बटवारे की लाइन मानी जाती थी, लेकिन शुक्रवार को उत्तर कोरियाई के तानाशाह शासक किम जोंग ने दक्षिण कोरिया की सरजमी पर पैर रखा और इस बटवारे की बार्डर को शांति के बार्डर के रुप में परिवर्तित कर दिया । ऐसा करने वाले किम जोंग उत्तर कोरिया के पहले शासक बन गए हैं ।
आपको बता दें नॉर्थ कोरियाई नेता किम जोंग ने शुक्रवार को अपने सरहद की सीमा को पार करके दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून से मुलाकात की, यहा किम और मून के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता होने जा रही है, इस वार्ता में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम समेत कई अहम मुद्दों पर बात होगी । इस मुलाकात के दौरान किम जोंग ने कहा कि इतना मुश्किल भी नही था ये लाइन पार करना, यहां आना बहुत आसान था लेकिन हमने यहां आते आते 11 साल का लंबा समय निकाल दिया । वहीं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने कहा कि बॉर्डर की लाइन अब बंटवारे का नहीं बल्कि शांति का नया प्रतीक है, उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग के निर्णय की सभी को सराहना करनी चाहिए ।
उत्तर कोरिया की ओर से नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में देश के ऑनरेरी अध्यक्ष किम योंग नैम, विदेश मंत्री री योंग और किम की बहन किम यो जोंग भी किम जोंग के साथ दक्षिण कोरिया आए हैं, हालांकि किम जोंग की बहन किम यो जोंग ने शीतकालीन ओलम्पिक खेलों के दौरान दक्षिण कोरिया का ऐतिहासिक दौरा किया था ।