हरिद्वार में पिछले 20 सालों से इंसाफ की गुहार लगा रहे एक किसान परिवार दर-दर भटकने के बाद पिछले तीन दिन से आंदोलन को बाध्य है, पीड़ित किसान परिवार लगातार भू माफियाओं और तहसील प्रबंधन की मिलीभगत का शिकार होकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है, बावजूद इसके कही उसकी सुनने वाला कोई नहीं है । पीड़ित को अब स्थानीय किसान भी समर्थन देने तहसील पहुंच गए हैं ।
अपने परिवार के साथ पिछले 3 दिन से धरने पर बैठे राजेश का आरोप है कि, साल 1997 में तत्कालीन तहसीलदार ओर भूमाफियाओं ने उसके पिता को मृत दर्शाकर उनकी तीन बीघा जमीन 1997 में पहले उनके ताऊ के नाम किया, और उसके बाद वो जमीन उन्होंने एक भूमाफिया को दे दी । अब तीन दिन से परिवार तहसील में अनशन पर बैठा है, लेकिन उन्हे न्याय देने की जगह तहसीलदार धमकियां दे रहा हैं ।
पीड़ित परिवार के पक्ष में अब स्थानीय किसान नेता भी जुटेने शुरू हो गए हैं, युवा किसान नेता नितिन का कहना है कि, 3 दिन से परिवार यहां अनशन पर बैठा है, लेकिन किसी अधिकारी ने इसकी सुध लेने की जरूरत नहीं समझा, तहसीलदार भी इस संबंध में बात करने को तैयार नहीं है, उनका कहना है कि शासन-प्रशासन को एक पीड़ित किसान परिवार का अनशन नजर नहीं आ रहा है ।
वहीं इस मामले में एसडीएम मनीष कुमार का कहना है कि इस प्रकरण की उन्हें जानकारी है, लेकिन पीड़ित किसान का प्रकरण न्यायालय में चल रहा है, तो इसमें स्थानीय प्रशासन अभी कुछ नहीं कर सकता । उनका कहना है कि, धरने के लिए कोई उपयुक्त स्थान होता है, पुलिस को इस संबंध में शांति व्यवस्था बनाने के लिए पत्र जरूर दिया गया है।
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए हरिद्वार से देवेश सागर