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मासूम को मारने से पहले पुलिस वालों ने किया रेप
देश के प्रधानमंत्री लोगों को बेटियों के प्रति जागरुक करने और सुरक्षा देने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं, लेकिन हैवानों के मन में आज भी देश की बेटियों के प्रति कोई प्रेम औऱ करुणा नहीं है, आज भी कुछ लोग ऐसे है, जिनके लिए लड़कियां सिर्फ उपभोग की वस्तु से ज्यादा कुछ नहीं । आज भी देश में बच्चियां सुरक्षित नहीं है, इसका एक नजारा जम्मू में देखने को मिला, जहां 10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक आठ साल की मासूम बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या हुई थी, जिसकी 4 महीने बाद पुलिस ने आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशईट दाखिल की है ।
इस चार्जशीट को देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए, आठ साल की मासूम के साथ हैवानों ने किस तरह हैवानियत की सारी हदं पार कर दी, दरिंदगी की इस चार्जशीट के मुताबिक मासूम बच्ची का अपहरण, रेप और हत्या का उद्देश्य सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय को हटाना था । 15 पन्नों की इस चार्जशीट में रासना गांव में देवास्थआन, मंदिर के सेवादार संजी को साजिशकर्ता बताया गया हैं, मास्टरमाइंड संजी समुदाय को हटाने के लिए इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया ।
इसके लिए वो अपने नाबालिक भतीजे और अन्य छः लोगों को लगातार उकसा रहा था, पुलिस के मुताबिक साजिशकर्ता संजी के साथ विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा, उसके दोस्त परवेश कुमार उर्फ मन्नू, भतीजा राम किशोर और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा उर्फ शम्मा भी कथित रुप से इस घिनौने कृत्य में शामिल थे ।
क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची को अगवा करके मंदिर ले जाया गया और वहां उसे नशा देकर एक हफ्ते तक रेप किया गया, यही नहीं बच्ची को मारने से पहले बच्ची के साथ रेप किया गया था । बच्ची को जब आरोपी गला दबा रहे थे, तक एक पुलिस वाले ने कहा अभी थोड़ी देर रुक जाओ, मुझे एक बार और करना है, उसके बाद पुलिस वाले और फिर एक आरोपी ने दुबारा बच्ची के साथ रेप किया, उसके बाद बच्ची का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया, आरोपियों ने बच्ची मर मई है या जिंदा है इसके लिए उन्होने बच्ची के ऊपर एक बड़ा पत्थर भी फैका, और बच्ची को मारकर जंगल में फैककर फरार हो गए । जब बच्ची के केस की जांच शुरु हुई तो वो आरोपी पुलिस वाला भी पुलिस टीम में शामिल था, उसने पुलिस को भर्मित करने की कोशिश भी की । आरोपियों ने पुलिस को 1.5 लाख रिश्वत भी दी केस को दबाने के लिए ।
रेप की घटना जब मीडिया में आई है, तब से हर कोई इसकी निन्दा कर रहा है । मामले की गंभीरता को देखते हुए जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, कुछ ग्रुप के लोगों को कानून तोड़ने औऱ गैर- जिम्मेदारी बयान देने की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी, मामले में उचित कानूनी कार्रवाई के लिए इसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी।