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शुक्रताल के साधुओं का गंगा में धरना

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के पौराणिक तीर्थ स्थल शुक्रताल का जल स्तर लगातार घटता जा रहा हैं जिसके चलते गर्मियों में गंगा में जंगली पशुओ के गिरने से शुक्रताल के साधू नाराज़ होकर पिछले चार दिन से गंगा जी के बीच बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं

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उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के पौराणिक तीर्थ स्थल शुक्रताल का जल स्तर लगातार घटता जा रहा हैं जिसके चलते गर्मियों में गंगा में जंगली पशुओ के गिरने से शुक्रताल के साधू नाराज़ होकर पिछले चार दिन से  गंगा जी के बीच बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं | साधुओ का कहना है की जब तक गंगा का जल स्तर बढ़ जाता तब तक धरना प्रदर्शन करते रहेंगे | यहाँ तमाम वीवीईपी से लेकर न्यायपालिका और राजनेता और धार्मिक लोगों का यहां आना जाना लगा रहता हैं और तमाम सत्ताधारी शुक्रताल को विकसित करने का आश्वाशन तक देकर जाते रहे है। मगर उसके बावजूद भी शुक्रताल का विकास नहीं हुआ जिसमें यहां की सबसे बड़ी मांग आस्था का केंद्र बनी सोलानी नदी गंगा की मुख्य धारा लाने की है जिसके चलते आमजन नागरिकों से लेकर शुक्रताल के क्षेत्र में सैकड़ों आश्रमों में रहने वाले हजारों साधु लगातार मांग कर रहे हैं| 2014 में केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार के बाद एक बार फिर लोगों की उम्मीद जागी थी जिसमें सरकार द्वारा नमामि गंगे को लेकर भी एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया था उस से भी उम्मीद थी कि शायद शुक्रताल का भी विकास हो जाएगा जिसमें यहां जल संसाधन मंत्री रहे मुजफ्फरनगर के सांसद डॉक्टर संजीव बालियान ने कई बड़े कार्यक्रम शुक्रताल में किए थे जिसमें दावे किए जा रहे थे कि जल्द ही मुख्य गंगा से एक धारा सोनाली में आएगी जिससे यहां के धार्मिक स्थल की महत्ता और बढ़ जाएगी अगर वह भी ढाक के तीन पात साबित हुई है अब शुक्रताल के संत और साधु सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं जिसके चलते पिछले 4 दिनों से गंगा घाट पर साधुओं ने धरना शुरू किया है आज तो साधु गंगा के अंदर धरने पर बैठ गए हैं यहां मुख्य गंगा की एक धारा नहीं लाई जाती तो तब तक वे अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठे रहेंगे।

हिन्द न्यूज़ के लिए मुज़फ्फरनगर से विशाल प्रजापति

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