वाइल्ड लाइफ चीफ वीएस खाती ने बताया कि मौके पर गुलदार की जो हड्डी और खाल बरामद हुई है उसमे खाल बहुत पुरानी और हड्डी ताज़ी प्रतीत होती है इस संशय से बाहर निकलने के लिए उन्होंने जाँच कराने की बात कही है जिसके लिए मिले अवशेषों को जाँच के लिए देहरादून भेज दिया गया है साथ ही उन्होंने ये भी कहा मौके पर जाँच कर रही देहरादून वन विभाग की टीम के साथ जो एनजीओ मौजूद थे उन पर भी जाँच बिठाई जाएगी क्योकि विभाग द्वारा प्रतिबंधित एनजीओ को पार्क क्षेत्र में कैसे घुसने दिया और उनसे पहले एनजीओ के पास सुचना जाना भी जाँच का विषय है।
वन महकमे का मनना है कि गुलदार का शिकार राजाजी टाइगर रिजर्व में नही हुआ है इस गुलदार को किसी अन्य स्थान में मारा गया जिसके बाद साजिश के तहत इसे राजाजी की सीमा के भीतर छिपाया गया था। उच्चाधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले है इन घटना के बाद से आज आलाशिकारियो ने घटना स्थल का निरीक्षण किया।
राजाजी पार्क की हरिद्वार रेंज में गुलदार हड्डी और खाल के मामले में नया मोड़ आ गया है वाइल्ड लाइफ चीफ के जांच कराने और साजिश के बयान के बाद पार्क प्रशासन और वन महकमे में हड़कंप का माहौल है फिलहाल मौके पर मिले गुलदार के अवशेषों को देहरादून जाँच के लिए भेज दिया गया है बाकि सब फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही साफ़ हो पायेगा कि इस पुरे मामले में क्या साजिश रची गयी है।