चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्र रविवार से शुरू हो गए हैं । नवरात्र में माँ के नौ रुपों की पूजा करके भक्त माँ से आशीर्वाद लेते हैं और अपनी सभी कामना पूरी करने का आग्रह करते हैं। पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है, देश के विभिन्न मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है, हर कोई माँ को प्रसन्न करने और रिझानें का प्रयास कर रहा है, हरिद्वार में वैसे तो माँ के कई मंदिर हैं लेकिन यहाँ देवियों के मंदिरों का त्रिकोण है, जिसमें नील पर्वत पर माँ चंडी देवी का मंदिर है, तो दूसरी और शिवालिक पर्वत माला पर माँ मनसा देवी का मंदिर स्थित है, मनसादेवी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, मन में कोई भी बात हो माँ सब सुन लेती है, और हर मुराद पूरी करती है, नवरात्रों में जो भी सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है, उसकी सभी इच्छा पूरी हो जाती हैं। पुराणों के अनुसार प्राचीन काल में महिसासुर नामक राक्षस ने देवताओं और मनुष्यों पर भयंकर अत्याचार ढ़ा रखा था, ऐसे में जब महिसासुर के अत्याचार से सभी दुखी हो गए, तब देवताओं के मन में आया कि, ऐसी कोई शक्ति का अवतरण होना चाहिए । जो महिसासुर नामक राक्षस का संहार कर सके, देवताओं के मन से निकली प्रार्थना पर माँ दुर्गा ने अवतार लिया, और महिसासुर के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई, माँ दुर्गा के इस स्वरुप का अवतार मन से हुआ था, इसीलिए माँ के इस स्वरुप का नाम मनसा देवी पड़ा, और माँ मनसा देवी तब ही से शिवालिक पर्वत पर विराजमान हैं। नवरात्र के दौरान यहां देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु मां की पूजा अर्चना करने आते हैं। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि, जो भी भक्त सच्चे मन से मनसा देवी की पूजा आराधना कर लेता है, उसकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती हैं, और उसके सभी कष्ट और दु:ख दूर हो जाते हैं, यही नहीं नवरात्र में मनसा देवी की आराधना करने का विशेष लाभ होता है, तभी देश के कोने कोने से श्रदालु नवरात्रो में माँ मनसादेवी के दर्शन के लिए आते हैं, श्रद्धालुओं की कोशिश रहती है कि, वो पहले नवरात्र को ही माँ के दर्शन करें। माँ मनसादेवी सभी की मुरादों को पूरी करती है, तभी तो श्रदालु माँ के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ के बावजूद दौड़े चले आते हैं, नवरात्रों में माँ मानसदेवी के मंदिर में भक्तों का ताता लगा रहता है, और माँ सभी की मुरादों को पूरी करती हैं । हिन्द न्यूज टीवी के लिए हरिद्वार से दिवेश सागर