फरवरी का महीना चल रहा है, लेकिन गर्मी ने अभी से अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है, आलम यह है कि मार्च के बाद जो हालत होती थी वो 2 माह पहले फवरी में ही जल संकट होने के संकेत मिलने लगे है। कानपुर में अभी से गंगा का जल सूख गया है, और चारों ओर बालू दिखाई देने लगी है। सीढियों तक रहने वाली गंगा ने सीढियों का साथ छोड़ दिया, हैरानी की बात तो यह है कि अगर अभी से यह हालत है, तो आगे क्या होगा, लेकिन एक बात साफ तौर पर कही जा सकती है, कि जिस तरह से जल का स्तर गिर रहा है उसे देखकर यह कहना गलत नही होगा आने वाले अगले दो महिनों में जल संकट से जूझना पड़ सकता है। हालांकि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने भी माना है कि जल स्तर का गिरना मार्च के बाद शुरू होता था वो अब फरवरी में भीषण गर्मी के चलते गिर रहा है। हम लोगों की आवश्यकता के अनुसार लेवल को पूरा करने के लिए 2800 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ रहा है।