त्रेता में भगवान् राम के दूत हनुमान के कदम पड़े थे. और वह उस अमूल्य वस्तु को चुराकर उत्तराखंड से श्रीलंका ले गए जिसे संजीवनी कहते हैं. यह चोरी हनुमान जी ने की और इसका दंड भुगतना पड़ा द्रोणागिरी गॉव की सभी महिलाओं को…! आज भी द्रोणागिरी की ये महिलाएं हनुमान जी के कारण बहिष्कृत हैं.