आज मंदिर मस्जिद को लेकर समाज दो धड़ो में बट रहा है। अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा इस वक्त सबसे संवेदनशील विषय बना हुआ है। कई बार लोग इस मुद्दे पर एक दूसरे का खून भी बहा चुके है और बिगाड़ चुके है सांप्रदायिक सौहार्द। लेकिन समाज मे आज
देश में जब किसी महिला के साथ कोई घटना होती है तो उसके पीछे उसकी कुत्सित सोच मानसिकता प्रभावी होती है. मानसिकता सुधारने में समाज की भी निष्पक्ष भूमिका होनी चाहिए. निर्भयाकांड के वर्षों बीत जाने के बाद भी महिला उत्पीड़न, रेप,दहेज जैसे कुकृत्यों पर लगाम नही लग पा रही