वातानुकूलित संत बैठकों के माध्यम से कहते हैं कि गंगा को स्वच्छ करके रहेंगे, अविरल करके रहेंगे और निर्मल करके रहेंगे, लेकिन संत केवल बैठकों में और मंचों से ही गंगा को स्वच्छ करते हैं। उनकी कथनी और करनी में कितना फर्क है यह आप आज जान लें। यह नजारा हरिद्वार