गुरुग्राम: अगर आप किशोरावस्था में केवल सप्ताहांत को ही मौज-मस्ती के दौरान काफी मात्रा में अल्कोहल का सेवन (बिंज ड्रिंकिंग) करते हैं तो इसके परिणाम स्वरूप आप कम उम्र में ही हाइपरटेंशन के शिकार हो सकते हैं | मेदांता, द मेडिसिटी, गुरुग्राम के कार्डियोलॉजिस्ट तथा इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ.रजनीश कपूर की ओर से मरीजों पर किए गए सर्वे के आधार पर यह परिणाम निकला है।
इस अनुसंधान के तहत हाइपरटेंशन के 475 मरीजों को शामिल किया गया तथा उनके आंकड़ों का विशलेषण किया गया। इन मरीजों का चुनाव मई 2015 से लेकर मार्च 2016 के दौरान डॉ. रजनीश कपूर के यहां हृदय संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए पहुंचे 1670 मरीजों में से किया गया। इन सभी मरीजों की उम्र 40 वर्ष से कम थी और इनमें महिला और पुरूष दोनों शामिल थे। इस अध्ययन से पता चला कि 475 मरीजों में 171 मरीज एक सप्ताह में एक बार से लेकर तीन बार तक शराब का सेवन करते थे।
इनमें से 94 प्रतिशत मरीजों ने 18 साल की उम्र के बाद से कम से कम चार साल तक शराब का सेवन किया जबकि इनमें से कुछ मरीज वैसे थे जिन्होंने एक सप्ताह के भीतर ही शराब का सेवन बंद कर दिया। डॉ.कपूर ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस अध्ययन से यह बात उजागर होती है कि हमारी आबादी में 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में हाइपरटेंशन की व्यापकता 28.4 प्रतिशत है। इस अध्ययन से यह भी परिणाम निकलता है कि आरंभिक जीवन काल में हमारी जीवनशैली के परिणाम स्वरूप कम उम्र में ही गैर संचारी रोग होने की आशंका हो सकती है।
इस अध्ययन से यह भी निष्कर्ष निकलता है कि बिंज ड्रिंकिंग से, जिसमें करीब दो घंटे के भीतर 5 या अधिक ड्रिंक्स का सेवन किया जाता है, रक्तचाप का स्तर तत्काल उपर उठ जाता है। इस अध्ययन में पाया गया कि बिंज ड्रिंकिंग करने वाले 20 से 24 साल के युवाओं का रक्त चाप उन युवाओं की तुलना में काफी अधिक होता है जो शराब का सेवन नहीं करते हैं।
डॉ.रजनीश कपूर ने कहा कि इस अध्ययन से इस बात का संकेत मिलता है कि बिंज ड्रिंकिंग के कारण बढ़ा हुआ रक्तचाप बाद की उम्र में लगातार उच्च रक्त चाप या हाइपरटेंशन का कारण बन सकता है। इस अवसर पर बोलते हुए मेदांता हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ.नरेश त्रेहन ने कहा कि उच्च रक्तचाप इस कारण से खतरनाक है क्योंकि यह शरीर में रक्त का संचार करने वाली नलिकाओं पर दवाब पैदा करता है।
इससे या तो रक्त नलिकाएं अवरोधित हो जाती हैं या कमजोर हो जाती है जिससे हृदय या मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है। डॉ.रजनीश कपूर ने बताया कि खराब खान-पान, नमक का सेवन, मोटापा आदि उच्च रक्तचाप के वाहक हैं। किशोरावस्था में शराब के अधिक सेवन के कारण बढ़े हुए रक्तचाप के कारण बाद की उम्र में लगातार उच्च रक्त चाप या हाइपरटेंशन हो सकता है।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए गुरुग्राम से अभिषेक