मिलेनियम सिटी को 24 घंटे जगमग करने वाली योजना पर अब काम शुरू हो गया है। दो बड़ी कंपनियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि इस योजना पर 1600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। कंपनी पूरे शहर के बिजली की केबल को हटाकर जमीन के नीचे दबाएगी। इस प्रोजेक्ट पर काम आज से शुरू हो गया है।
पहले फेस में 1600 करोड़ का खर्चा आयेगा और सैक्टर 1 से लेकर सैक्टर 58 तक यानी नया गुरूग्राम अब पूरी तरह से जगमग होगा। इस प्रोजेक्ट को मार्च 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। जमीन के अन्दर बिजली देने के काम को जल्द पूरा करने के लिए छोटे-छोटे टुकडों में काम शुरू हुआ हैं और करीब 5 टेंडर के साथ 250-250 करोड़ के बजट पास गए हैं ताकि निर्धारित समय में इस काम पूरा कर शहर को शहर को जगमग किया जा सके।
बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर संजीव चौपड़ा ने बताया कि स्मार्ट ग्रिड योजना में खास बात यह है कि इसमें बिजली की तारे जमीन के अंदर होंगी और दो केबलें बिछाई जाएंगी। अगर एक लाइन किसी कारण खराब हो जाती है तो दूसरी लाइन के जरिए लोगों के घरों की बिजली गुल नहीं होगी। साथ ही आज टाटा कंपनी के ग्रिड योजना को सिरे चढाने के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया हैं। जिसके बाद अब आंधी, तूफान में लोगों को बिजली गुल की परेशानी से जहां राहत मिलेगी तो वही तारे टूटने के झंझट से भी बिजली विभाग को राहत मिलेगी।
उन्होंने बताया कि स्मार्ट ग्रिड योजना में जिन दो कंपनियों को टेंडर जारी किए गए हैं, उनमें टाटा और बिरला जैसी बड़ी कंपनियां शामिल है। अगले साल 2019 में इन दोनों कंपनियों को अपना काम पूरा करना होगा उसके बाद अगले दो चरणों में काम शुरू किया जाएगा। इस तरह से कुल मिलाकर 4 चरणों में पूरे गुरुग्राम को अंडरग्राउंड 24 घंटे बिजली दी जाएगी। बिजली विभाग ने लोगों से भी अपील की है की स्मार्ट ग्रिड योजना में उनका सहयोग करें ताकि वाकई गुरुग्राम की दशा और दिशा बदल सके। बहरहाल बिजली विभाग ने गुरुग्राम को 24 घंटे बिजली देने की योजना में दो कदम तो बढ़ा दिए हैं लेकिन दो कदमों के बाद अब गुरु ग्राम वासियों की भी उम्मीद और बढ़ गई है कि जल्द ही गुरुग्राम को लटकती बिजली की तार और जलते ट्रांस फार्मर से लोगों को निजात मिलेगी।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए गुरुग्राम से अभिषेक