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चर्बी लगे कारतूस को चलाने से मना करने वाले चौधरी जबरदस्त खा

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उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड के भंडापट्टी स्थित शहीद स्मारक में शहीदों को आज श्रद्धांजलि देकर उनको याद किया गया। हापुड़ भंडापट्टी निवासी शहीद चौधरी जबरदस्त खा व उनके भाई नवाब उल्फत का ने चर्बी लगे कारतूस को चलाने से इनकार कर दिया था जिसके बाद दोनों भाइयों को अंग्रेजों द्वारा फांसी दे दी गई थी। चौधरी जबरदस्त खा हापुड़ के भंडापट्टी के रहने वाले थे उनकी याद में हर साल एक मेले का आयोजन भी किया जाता है, जिसका उद्घाटन आज रात को 8 बजे मेरठ के कमिश्नर प्रभात अग्रवाल करेगें।
आपको बता दे कि 10 मई 1857 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। आज ही के दिन मेरठ से आजादी के पहले आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जो बाद में पूरे देश में फैली। देश के वीर सपूतों ने अंग्रेजों के पसीने छुड़ा दिए। चर्बी लगे कारतूसों को आधार बनाकर विद्रोह की आग सुलगाने में मेरठ छावनी के 85 सैनिकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। ये सभी क्रांतिकारी सैनिक मेरठ कमिश्नरी के निवासी थे। इनमें वीर सैनिक हापुड़ के मोहल्ला भंडा पट्टी निवासी चौधरी जबरदस्त खां व उनके भाई भी थे। अंग्रेजों ने बाद में जबरदस्त खां और उनके भाई नवाब उल्फत खां को झूठे मुकदमे में फंसा कर फांसी दे दी थी। आज दोनो शहीदों को उनके पड़पौत्रों व शहर के लोगों द्वारा उनको याद कर श्रद्धांजली दी गई।

 

हिंद न्यूज टीवी के  हापुड से सुनिल गिरि

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