नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि बहुप्रतीक्षित ईस्टर्न एक्सप्रेसवे को 1 जून से जनता के लिए खोल दिया जाए। आदेश में कहा गया है कि इससे दिल्ली में बढ़ती भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के वकील ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस परियोजना का उद्घाटन करना था, लेकिन पिछले महीने की पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण इसे रद्द कर दिया था।
जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की एक पीठ ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री एक्सप्रेसवे का उद्घाटन नहीं कर सकते हैं, तो लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे आम जन के लिए खोल दिया जाना चाहिए।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के शुरू हो जाने से भारी वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इससे दिल्ली की आबोहवा में जहर कम होगा. दिल्ली का ट्रैफिक घटेगा और प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। 40 फीसदी भारी वाहन घटने से दिल्ली की आबोहवा साफ होगी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल और गुजरात से आने वाले व्यवसायिक व निजी वाहन एक्सप्रेस वे से दिल्ली के बाहर-बाहर अपने गंतव्य तक जा सकेंगे। इससे यातायात में भी काफी सुगमता आएगी और ध्वनि प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी।
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आपको बता दें, पूर्वी एक्सप्रेसवे एक छः लेन वाला राजमार्ग है जो उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के माध्यम से हरियाणा में कुंडली से पलवल को जोड़ता है। जनता के लिए खोले जाने पर, लगभग दो लाख वाहनों का रूट डाइवर्ट करने पर दिल्ली को डिकंजेस्ट करमे में मदद मिलेगी। इससे फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, सोनीपत सहित कई स्थान आपस में लिंक होंगे। कई राज्य 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल से आपस में जुड़ेंगे। यह एक्सप्रेस वे भारत के सबसे स्मार्ट राजमार्ग के रूप में जाना जाता है।
प्रोजेक्ट का दूसरा भाग, वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, जो हरियाणा के मानेसर के माध्यम से कुंडली से पलवल को जोड़ देगा, फिलहाल निर्माणाधीन है।