उन्नाव। उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के एक मामले की गर्माहट अभी थमी भी नहीं थी कि दूसरा मामला भी सामने आ गया। एक दलित महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि दो साल पहले उसकी नाबालिग बेटी के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था और इस घटना का वीडियो भी बनाया गया, उसके बाद से लगातार हमारी लड़की को ब्लैकमेल किया जाता रहा और उसके साथ घिनौनी करतूत जारी रही।
इस मामले में एक व्यक्ति को अब तक गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच चल रही है।
हाल ही में उन्नाव में एक इसी तरह की वारदात की गई थी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं। विधायक की गिरफ्तारी भी हो चुकी है और मामला सीबीआई के हवाले किया गया है। यहां तक कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। पीड़िता के पिता की हत्या के बाद यह मामला इतना बड़ा हो गया कि उत्तर प्रदेश सरकार की भी किरकिरी हुई।
हाल ही में, नाबालिग लड़कियों के साथ यौन अपराधों में वृद्धि हुई है।
जनवरी में, एक आठ वर्षीय लड़की, जो जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक मुस्लिम जनजाति की लड़की का अपहरण करके उसको ड्रग देकर बलात्कार किया फिर उसके बाद उस नाबालिग लड़की को जान से मार दिया गया। जिसके खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन हुए। यहां तक कि राजनीतिक पार्टियों की तरफ से कैंडल मार्च तक निकाला गया। मीडिया में यह मामला बड़े जोरदार तरीके से उठा।
इंदौर में भी एक मामला सामने जिसमें एक वर्ष से कम उम्र की शिशु का कथित रूप से बलात्कार करके उसे जान से मारा दिया गया।
इस तरह के अपराधों पर संज्ञान लेते हुए, 22 अप्रैल को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बलात्कार आयोग के खिलाफ प्रभावी प्रतिबंध के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2018 के संशोधन को मंजूरी दी।
12 साल से कम उम्र के लड़कियों के बलात्कारियों के लिए मृत्युदंड और 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के बलात्कार करने वाले अपराधियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया, जिससे यौन अपराधों से पीड़ितों के संरक्षण को मजबूत किया जा सके।