मेरठ में आवास-विकास विभाग इन दिनों अवैध इमारतों पर कार्रवाई करने में लगा हुआ है, लेकिन कथित भूमाफिया बाबू लाल गुप्ता के मकान पर सील लगाने पहुंची, आवास-विकास विभाग की टीम का बुधवार को व्यापारियों ने जमकर घेराव किया। इस दौरान व्यापारियों ने जोरदार नारेबाजी की, और घर के बाहर अनिश्चितकालिन धरने पर बैठ गए, आवास-विकास के अधिकारियों की मानें, तो पिछले दिनों मेरठ मंडलायुक्त के आदेश पर हुई जांच के दौरान बाबू लाल गुप्ता को भूमाफिया घोषित कर दिया गया, साथ ही इन पर आरक्षित वर्ग की एक दर्जन सम्पत्ति अपने और अपने परिवार के नाम करने का आरोप भी साबित हुआ है, वहीं व्यापारियों की मानें तो बाबू लाल गुप्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली है, जहां से उन्हें कमीश्नर के यहां अपील करने का निर्देश दिया है, जिसकी सुनवाई आठ सप्ताह में होनी है, लेकिन आवास-विकास विभाग के अधिकारी मनमाने तरीके से सील लगाने पहुंच गए, व्यापारियों ने इस कार्रवाई का पूरा विरोध करते हुए सील ना लगाने देने की बात कहीं है, इतना ही नहीं अधिकारियों को व्यपारियों के विरोध के आगे परस्त होकर वापस लौटना पड़ा, उधर भूमाफिया बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि उनपर आवास-विकास विभाग की आवासीय एक सम्पत्ति है, जबकि सात व्यवसायिक हैं, जो कि उन्होंने दूसरे लोगों से खरीदी है, जिसके लिए उन्हें कोई नहीं रोक सकता, लेकिन इसके बाबजूद भी आवास-विकास विभाग के अधिकारी बार-बार बाबूलाल गुप्ता को संपत्ति कैसे अलॉट कर देते हैं, जबकि नियम विभाग से केवल एक प्लाट लेने का है, लेकिन इस हाइवोल्टेज ड्रामे के बाद देखना यही होगा, कि भविष्य में क्या होता है, जबकि अधिकारी किसी भी कीमत पर कार्रवाई करेंगे, और लेकिन व्यापारी अपनी जान की बाजी लगाने के लिए भी तैयार है, उधर इस पुरे मामले में आवास-विकास के अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं, चुंकी उनकी देख-रेख में ये अवैध निर्माण बनकर खड़ा हो गया है, जिसमें भूमाफिया के साथ सम्बंधित विभागीय अधिकारी भी दोषी हैं।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए मेरठ से पंकज गुप्ता