एयरलाइंस के कानून को दर किनार करते हुए पायलटों से 10-10 घंटे काम कराने के मामले में फटकार लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी किया है, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सभी एयरलाइंस 30 दिन में अपने पायलट से सिर्फ 125 घंटे ही काम करा सकेगी । पायलटों का ओवरटाइम करने से यात्रियों पर खतरा मंडराने की आशंका बनी रहती है ।
2011 से 2017 एयरलाइंस के लिए ये नियम लागू था, लेकिन 2017 के बाद ये डीजीसीए को आजादी दे दी कि वो पायलटों के काम की समय सीमा को तय कर सके, हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले यशवंत चिनॉय का कहना है कि डीजीसीए को पायलटों के काम के घंटों का निर्णय लेने के अधिकार के बाद से एयरवाइंस इसका दुरुपयोग करने लगी है ।
हाईकोर्ट ने डीजीसीए से कहा है कि एक साल के भीतर नए नियम बन जाए, जब तक नियम नही बन जाते तब तक पायलट 125 घंटे से ज्यादा काम नही कर सकते, कोर्ट ने साफ किया कि स्टाफ की कमी का रोना रोकर एयरलाइंस पायलट से ज्यादा घंटे काम नहीं ले सकती, क्योकि यह पायलट के साथ- साथ सभी यात्रियों के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा ।