सन 2012 में हुआ निर्भय कांड जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था | जिसकी यादें अभी तक सभी के दिलों से निकली भी नहीं थी| उसकी यादों को देश में एक बार फिर उन्नाव और कठुआ गैंगरेप ने ताज़ा कर दिया हैं | एक बार फिर लोग सड़कों पर कैंडल मार्च लेकर आ गए हैं विरोध कर रहे हैं | कठुआ की उस मासूम बच्ची के साथ जो हुआ उसको लेकर और उसके परिवार के प्रति अपनी संवेदना को व्यक्त करने के लिए सड़क पर आ गए हैं | जहाँ देश इन घटनाओ को लेकर सखते में आ गया हैं कि देश में जहाँ सरकार महिला सुरक्षा को लेकर जब इतने वादे करती हैं तो धरातल पर देखने पर ये कैसी हकीक़त हैं | वहीँ, राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर अपनी-अपनी रोटियां सेंक रही हैं | आम आदमी पार्टी भी इस मुद्दें पर राजनीति करने के लिए इस विरोध में शामिल हो गयी |वहीँ, आम आदमी पार्टी के नेता सड़कों पर आकर केंद्र सरकार को सिर्फ चेतावनी देकर अपने अपने घर चले गए | जिसे देखकर ही पता चलता हैं कि दिल्ली सरकार का यह विरोध कितना संवेदनशील था | जहाँ मीडिया के सामने आप नेता केंद्र सरकार से महिला की सुरक्षा को लेकर जमकर बोल रहे थे तो फिर वो विरोध प्रदर्शन सिर्फ चेतावनी पर कैसे शांत हो गया | दिल्ली सरकार का यह दिखावा ही बताता हैं कि वो देश के इतने संवेदनशील पर कितनी गंभीर हैं जो मीडिया के सामने आकर जमकर बोलती हैं लेकिन मीडिया के जाते ही शांत हो जाती हैं तो क्या इस राजनीति को देखकर लगता हैं कि ये सरकार देश को चलाएंगी |