यूपी के गोरखपुर जिले में बिजली के निजीकरण का निर्णय वापस होने के बाद अब कर्मचारियों के सामने राजस्व वसूली को लेकर करो या मरो की स्थिति उत्पन्न हो गई है, बिजली कर्मियों को युद्धस्तर पर उतर कर राजस्व वसूली करनी होगी | इसके लिए पावर कारपोरेशन ने पहले ही लक्ष्य निर्धारित कर दिया था, लेकिन हड़ताल के चलते राजस्व वसूली बुरी तरह प्रभावित हुई | अब उन्हें प्रतिदिन पांच करोंड रूपये की वसूली करनी हैं | इसके साथ ही उपभोक्ताओं को सही बिल भी मुहैया करना पडेगा | पावर कारपोरेशन द्वारा गोरखपुर जों को मार्च महीने में 125 करोंड के राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया था |जो कि पूरा नहीं होने पर और इसी बीच बिजली के निजीकरण का निर्णय प्रदेश सरकार के हाथ में आने पर बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार कर दिया | राजस्व वसूली ठप होने से और दफ्तर बंद होने से उपभोक्ताओं का बिल नहीं जमा हो सका, हड़ताल के पूर्व तक तकरीबन 75 करोंड की राजस्व वसूली हो गई थी, और अभी 50 करोंड राजस्व वसूलना बाकी हैं | वहीँ, मुख्य अभियंता एके सिंह ने तो सभी मातहतों को राजस्व वसूली के लिए निर्देशित कर दिया गया है, कि 15 अप्रैल तक हर हाल में 50 करोंड राजस्व की वसूली करनी है, उन्होंने कहा की, सभी अफसर-कर्मचारी राजस्व वसूली के लिए फिल्ड में उतरेंगे | साथ ही मुख्य अभियंता ने बताया, कि हम लगे हुए है, और हम समय सीमा के अंदर ही अपने टार्गेट को पूरा कर लेंगे |
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए गोरखपुर से प्रेमचंद्र चौहान