मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम ने एक अनोखी पहल की है जो काफी सराहनीय हैं। जिस गायों को लोग भूखे प्यासे लावारिस की तरह सड़कों पर छोड़ देते है अब उन्ही गायों से नगर निगम लाखों रुपयें कमा रही है। दरअसल नगर निगम गायों के गोबर और पेशाब से लालटिपारा गौशाला में केचुआ खाद नैचुरल खाद और धूपबत्ती बना रही है और नगर निगम इससे लाखों रुपये भी कमा रहा है। पकृति में गाय के गोबर और मूत्र को सबसे पवित्र और शुद्ध माना जाता है कहा जाता है कि गो मूत्र पीने से मनुष्य के सभी दोष दूर हो जाते है और इससे शरीर में हो रहे कई तरह की बिमारी को ठीक कर देता है ऐसे में गाय को पालना काफी उपयोगी माना जाता है लेकिन किसना और गौपालने वाले दूध नहीं देने पर उसे अनुपयोगी समझकर सड़को पर लावारिस छोड़ देते हैं लेकिन ग्वालियर में नगर निगम की लालटिपारा गौशाला ने 6000 ऐसी गाय पाल रखी है जो लावारिस घूम रही थी इन गायों से नगर निगम को प्रतिदिन 60 हजार किलो गोबर मिलता है इस गोबर को नगर निगम कई तरह के उपयोग में लेता है वहां फिनायल के जगह पर गौनाइल बन रहा है जो फिनायल से बेहतर कार्य करता है वहीं गो मूत्र से से कैमिकल रहित गोनाइल और कीटनाशक दवाईयां और मच्छर भगाने की धूपबत्ती तैयार की जा रही है इसके साथ ही गो-मूत्र से बनने वाले कीटनाशक के रुप में खेती में उपयोग किया जाता है जिससे खेती में नुकसान पहुंचाने वाले कीटनाशकों का उपयोग खेती में किया जा रहा है वहीं कीटनाशक बागवानी के लिए काफी उपयोगी है । नगर निगम को इससे काफी आय हो रही है ।