उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के बेसिक शिक्षा परिसर में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव को लेकर किए जा रहे प्रयास धीरे-धीरे मूर्त रूप ले रहे हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित दो दिवसीय शैक्षिक मेले में इसकी बानगी देखने को मिली। डायट, बीटीसी कालेज व परिषदीय शिक्षकों द्वारा शिक्षा के नवाचार के लिए प्रदर्शित किए गए माडलों ने बेहतर शिक्षा के भविष्य के दर्शन कराए। बच्चा कैसे आसानी से चीजें सीख सकता है, इसको लेकर तरह-तरह के माडल मेले में प्रदर्शित किए गए हैं | गोरखपुर जिले के 43 निजी बीटीसी कालेज, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षुओं ने अलग-अलग स्टाल लगाए |इनके साथ परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने भी अपने माडल प्रस्तुत किए हैं। एसएमए मेमोरियल के छात्र-छात्रओं ने कक्षा एक के बच्चों को गिनती सिखाने के लिए काउंटिंग बॉक्स बनाया है। बच्चे खेल- खेल में गिनती सीख सकते हैं। क्राकरी के जरिये मात्र बोध व व्यंजनों आदि की पहचान आसानी से की जा सकती हैं | किसी ने डिजिटल इंडिया यानि मोदी के सपने को आपने हुनर के माध्यम से दर्शाने का काम किया, तो उसी में ग्रीन सिटी को बना कर दिखाया गया है, इन प्रशिक्षण संस्थानों के प्रशिक्षुओ की माने तो इस पूरे मेले का थीम केवल अपने अन्दर आत्मविश्वास पैदा करना है, और शिक्षा को और आगे बढ़ाने का एक प्रयास है | इस कार्यक्रम को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से निश्चित रूप से आत्मविश्वास बढ़ता है, शिक्षा को आगे बढाने में यह अच्छी पहल है| साथ में उन्होंहे बताया कि डायड प्रचार्य महोदय के तरफ से शैक्षिक मेले में बेसिक शिक्षा के भी कई अध्यापक भी शामिल हुए | दो दिवसीय शैक्षिक मेले सभी बीटीसी और डायड के प्रशिक्षुक ने इस मेले में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है, और अपने अपने स्टाल पर अपने अपने माध्यम से लोगो को जागरूक और जानकारी देने का काम किया है, निश्चित रूप से इस तरह के मेले से जहा उनके अन्दर आत्मविश्वास बढेगा, और साथ ही इस मेले में आने वाले लोगो को भी सोच शिक्षा को लेकर बदलेगी |
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए गोरखपुर से प्रेम चन्द्र चौहान