सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी किए
NareshTOmar (दिल्ली suprim cort);—-
1. यदि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए
2. बिना अपील के रात भर ध्वस्तीकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर देखना सुखद दृश्य नहीं है
3.अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं.. बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
4. मालिक को पंजीकृत डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और संरचना के बाहर चिपकाया जाएगा
5. नोटिस से 15 दिनों का समय नोटिस तामील होने के बाद का होगा।
6. तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी
7. कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे
8. नोटिस में उल्लंघन की प्रकृति, व्यक्तिगत सुनवाई की तिथि और किसके समक्ष सुनवाई तय की गई है, निर्दिष्ट डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां नोटिस और उसमें पारित आदेश का विवरण उपलब्ध होगा
9. प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई करेगा और सर मिनट को रिकॉर्ड किया जाएगा और उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा/ इसमें यह उत्तर दिया जाना चाहिए कि क्या अवैध निर्माण समझौता योग्य है, और यदि केवल एक भाग समझौता योग्य नहीं पाया जाता है और यह पता लगाना है कि विध्वंस का उद्देश्य क्या है।
10. आदेश डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा
11. आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा और केवल तभी जब अपीलीय निकाय ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है, तो विध्वंस स्टेप वाइज होंगे
12. विध्वंस की कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाएगी। वीडियो को संरक्षित किया जाना चाहिए। उक्त विध्वंस रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी जानी चाहिए
13. सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
14. इस मामले का सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए
15.डीएम एक महीने में नोडल अधिकारी नियुक्त करें-सुप्रीम कोर्ट
सभी राज्यों के मुख्य सचिव को आदेश भेजा जाए-SC
स्थानीय नगर निगम के मुताबिक नोटिस हो-सुप्रीम कोर्ट
बुलडोजर एक्शन पर नोटिस डाक से भेजा जाए-सुप्रीम कोर्ट
गलत कार्रवाई पर अधिकारियों को भुगतान करना होगा-SC