मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी, जब बुढाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गांव जौला के जंगलों छापेमारी कर अवैध रूप से चलाई जा रही, तमंचा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया । आपको बता दें पुलिस को सूचना मिली थी कि, कुछ लोग खेतों में अवैध तमंचा बनाने की फैक्ट्री चला रहे हैं, इसी सूचना पर थाना बुढाना कोतवाली पुलिस ने मौके पर छापेमारी की, उस दौरान पुलिस को मौके पर दो आरोपी तमंचे बनाते हुए मौजूद मिले । जिन्हे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, पुलिस ने उनके कब्जे से सात बने हुए तमंचे और तमंचे बनाने के तमाम आधुनिक उपकरण बरामद किए ।
वैसे हमेशा से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध असलहा बनाने के मामलों में गांव जौला पहले से ही चर्चाओं में रहता आया है, और अब बुढाना पुलिस द्वारा जोला के जंगलों में मुखबिर की सूचना पर पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के दौरान दो लोगों को अवैध शस्त्र बनाते हुए रंगे हाथों दबोच लिया । पकड़े गए अवैध असलहा कारीगर हसन ने बताया कि, वह 1 दिन में 2 तमंचे तैयार कर लेता है, और 1 तमंचे को बनाने की लागत कम से कम 500 रूपए लगती हैस जिसे अवैध असला कारीगर लोगों को या फिर मौत के सौदागरों को 15 सौ रुपए तक में बेच देते हैं । पुलिस उपाधीक्षक हरिराम सिंह यादव ने अवैध तमंचा फैक्ट्री का खुलासा करते हुए दोनों युवकों से पूछताछ के बाद सलाखों के पीछे भेज दिया।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए मुजफ्फरनगर से विशाल प्रजापति