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उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी जल्द होगी दूर, जानिए क्या है सरकार का प्लान

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देहरादून। उत्तराखंड में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार मनचाही तनख्वाह देने की तैयार है। संविदा पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य विभाग ने यू कोट वी पे स्कीम के तहत प्रति माह चार लाख तक वेतन देने का फैसला लिया है। वर्तमान में लगभग 600 विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेष कुमार ने बताया प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टर पर्याप्त हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की 58 प्रतिशत कमी है। इसे देखते हुए संविदा पर सेवाएं देने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रति माह वेतन बढ़ाकर चार लाख तक देने का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) मानकों के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा पर की जानी है। पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों को सेवाएं देने के लिए सरकार की ओर से मनचाही तनख्वाह का ऑफर दिया जा रहा है। इसके लिए विभाग ने यू कोट वी पे स्कीम तैयार की है। इसमें प्रदेश या दूसरे राज्यों में काम कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टर पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए प्रतिमाह वेतन की मांग बताएंगे। सरकार विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुभव व विशेषज्ञता के मुताबिक प्रतिमाह अधिकतम चार लाख रुपये देने को तैयार है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की कार्यकारिणी बैठक में भी एनएचएम के माध्यम से संविदा पर तैनात होने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों प्रति माह 3.50 लाख वेतन को बढ़ा कर चार लाख करने का फैसला है।

इन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी
प्रदेश में कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन, गायनी, बाल रोग, आर्थाे, ईएनटी, गेस्टोलॉजिस्ट समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की है। सरकार की ओर से इन डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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