नरेश तोमर (दिल्ली):–
:—टूथ ड्रग वह केमिकल जिसके नसों में जाते ही शातिर अपराधी भी धड़ाधड़ सच बोलने लगता है, दरअसल श्रद्धा और आफताब मर्डर के मामले में दिल्ली पुलिस अब टूथ ड्रग का इस्तेमाल करने जा रही है। टूथ ड्रग में सोडियम पेट्रोथल नाम का केमिकल होता है,यह जैसे नसों में उतरता आरोपी एक तरह से सम्मोहित हो जाता है और हर सवाल का सही जवाब देता है।
हालांकि जरा सी चूक से उसकी जान भी जा सकती है,कई देशों में ऐसे मामले सामने आए हैं, श्रद्धा मर्डर में आरोपी अफताब को लेकर पुलिस उलझी हुई है, वारदात को दरअसल इतने साथी ढंग से अंजाम दिया गया है कि वह सभी सबूत जुटाए जा रहे हैं, आरोपी अफताब हत्या की बात तो कबूल कर चुका है लेकिन कोर्ट में अगर पलट जाए तो केस डेड हो जाएगा। लिहाजा सच का पता लगाने के लिए नारको टेस्ट हो सकता है।
तो क्या नारको टेस्ट के साथ ही कातिल भी सच्चाई फटाफट उगल सकता है, अगर हां तो क्या वजह है कि जो सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया है,
अगर इसे ही पूछताछ करे तो झूठ ने के चांस ज्यादा है,अक्सर बेखौफ वारदात करने वाले अपराधी का दिमाग भी उतना ही उलझा हुआ होता है, वह पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं लेकिन सच साबित करना आसान नहीं होता सबूत की कमी के कारण कोर्ट के पास भी आरोपी को छोड़ने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचता। ऐसे मुश्किल मामलों को सुलझाने के लिए नारको टेस्ट की जाती है, इससे आरोपी के नसों में इंजेक्शन दिया जाता है जिसके असर से वह धड़ाधड़ सारे सच बोल देता है।
हम आपको बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद लंबे समय तक युद्ध के सैनिकों में अजीब सी बीमारी थी,इनको कैद में रहते हुए उन्हें किस तरह की यातनाएं झेलने पडी, बाद में डाली इसी टूथ ड्रग से इलाज संभव हो सका।
यह बात पढ़ने में बड़ी अच्छी लगती है लेकिन यह आसान तरीका नहीं है, असल में बेहद खतरनाक है जरा सी चूक हुई तो आदमी की जान जा सकती है वह कोमा में जा सकता है या जीवन भर के लिए अपाहिज हो सकता है। अमेरिका जेलों में पूछताछ के दौरान कई की मौत हो चुकी है। इसके बाद सवाल उठने लगे आखिर लगभग हर देश में लगाई गई इस नार्को टेस्ट की अफताब को क्यों जरूरत है। अखिर इस मामले में अदालत अगर मंजूरी दे तो यह कहा जा सकता कि अफताब सारी सच्चाई उगल देगा।