देहरादून। दिल्ली की एरोसिटी की तर्ज पर देहरादून में एरोसिटी बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास इस परियोजना के लिए जमीन तलाशी जा रही है। एरोसिटी में फाइव स्टार होटल, मॉल, कैफे, रेस्टोरेंट से लेकर सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसमें हजारों लोगों के रहने के लिए आवास भी होंगे। परियोजना धरातल पर उतरी तो ये प्रदेश का पहला विश्वस्तरीय अत्याधुनिक शहर होगा।वहीं, जौलीग्रांट एयरपोर्ट का भी विस्तारीकरण किया जा रहा है। इसके बाद एयरपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी होगी। ऐसे में एरोसिटी भविष्य का बड़ा बिजनेस हब भी बनकर उभर सकता है। उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार तक ले जाने में यह कारगर साबित हो सकती है। विदेशों की तर्ज पर पार्क स्थापित किया जाएगा। पार्क में जॉगिंग, साइक्लिंग ट्रैक और ध्यान लगाने के लिए हट की व्यवस्था रहेेगी। साथ ही लैंड स्केपिंग और आस्ट्रेलियन ग्रास तक लगाने पर विचार चल रहा है। वहीं, हर मौसम में पार्कों में फूल और हरियाली नजर आएगी।
मलेशिया के कुआलालंपुर में केएलआईए एरोपोलिस एरोसिटी इस कांसेप्ट का शानदार उदाहरण बताया जाता है। इसी तरह दुबई ने फेस्टिवल सिटी का निर्माण हवाई अड्डे से सिर्फ एक मील की दूरी पर किया है, जिसमें एक लाख लोगों के लिए आवास, स्कूल, मॉल आदि सुविधाएं हैं। राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एरोसिटी स्थापित की जा चुकी है। यहां फाइव स्टार होटल, मॉल, होटल से लेकर कैफे तक की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीकी होने के चलते तेजी से यह बिजनेस हब के रूप में भी विकसित हो रहा है। इसी प्रकार, मोहाली में भी एरोसिटी के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के पास एरोसिटी के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। जमीन की उपलब्धता के साथ ही यह प्रोजेक्ट धरातल पर नजर आएगा।