उज्जैन। खगोलीय घटना के तहत इस वर्ष का अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण आठ नवंबर होगा। लेकिन भारत में यह आंशिक रूप से दिखाई देगा। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने यहां जारी विज्ञप्ति में बताया कि इस वर्ष का अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को होगा और यह ग्रहण भारत में आंशिक रुप से दिखाई देगा। चन्द्रग्रहण सोमवार को दोपहर दो बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होगा और इसका मध्यकाल दोपहर चार बजकर 29 मिनट एक सेकंड तथा इसके मोक्ष का समय छह बजकर 19 मिनट दो सेकंड रहेगा। डॉ. गुप्त ने बताया कि मध्य की स्थिति में चंद्रमा का सौ प्रतिशत भाग पृथ्वी के क्षेत्र में होगा, वास्तव में पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति में चंद्रमा पृथ्वी के छाया क्षेत्र में होने के कारण मध्य लाल रंग का हो जाता है। ग्रहण की अवधि चार घंटे 19 मिनट तक रहेगी।
उन्होंने बताया कि पूर्ण चंद्र ग्रहण उस समय होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आती है जिससे सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है जिससे पूर्णता के समय हमें चंद्रमा मध्यम लाल रंग का दिखाई देता है , जिसे पूर्ण चन्द्रग्रहण कहते हैं। गुप्त ने बताया कि यह ग्रहण उत्तरी और दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तरी प्रशांत महासागर एवं हिंद महासागर में दिखाई देगा और भारत में कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, इंफाल आदि में चंद्रोदय पूर्णता समय सायं पांच बजकर 12 मिनट से पूर्व होने के कारण हम यहां पूर्ण चंद्र ग्रहण देख सकेंगे, शेष भारत में चंद्रोदय की स्थिति के अनुसार आंशिक चंद्रग्रहण ही दृश्य होगा।
उन्होंने बताया कि धार्मिक नगरी उज्जैन में चंद्रोदय सांय पांच बजकर 43 मिनट पर होने के कारण 36 मिनट तक शाम छह बजकर 19 मिनट तक यह ग्रहण आंशिक तौर पर दिखाई देगा। उन्होंने बताया कि चंद्र ग्रहण को हम खुली आंखों या टेलिस्कोप से देख सकते हैं पूर्वी भारत को छोडक़र देश के अधिकांश भागों में चंद्रोदय एवं ग्रहण समाप्ति के समय में ज्यादा अंतर नहीं होने के कारण हम अल्प समय के लिए आंशिक चंद्र ग्रहण ही देख सकेंगे। उज्जैन की सबसे प्राचीन वेधशाला में आम नागरिकों को चंद्र ग्रहण को दिखाने की पूरी व्यवस्था की गई है।