यूपी के बलिया में नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत निर्भया के गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को लेकर पूरा गांव विगत 2 दिनों से धरने पर बैठा हुआ है। जहां ग्रामीणों का हाल जानने तक किसी अधिकारी ने मुनासिफ नही समझा था। वही इंडिया7 पर खबर चलने के बाद प्रदर्शन के तीसरे दिन जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी ग्रामीणों से धरना प्रदर्शन खत्म करने को कह दिया। मौके पर पहुंचे बलिया सीएमओ से ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बदहाली को दुरुस्त करने का निवेदन किया। लेकिन सीएमओ बलिया ग्रामीणों की बात सुनने को तैयार नही दिखे और नोक झोंक के साथ मामला विवादास्पद हो गया। जहाँ सीएमओ बलिया ने ग्रामीणों से बेतुके अंदाज में शर्मसार करने वाले शब्द, ग्रामीणों को सुनाने लगें। सीएमओ महोदय ने कहा हमसे फालतू बात न करिए पहले मेरी बात सुनिए…. जब यहां गांव में डॉक्टरी पढ़ने की ताकत नही है तो डॉक्टर की उम्मीद कैसे कर रहे है।…जब पैदा नही होंगे तो कहा से होंगे… अस्पताल बनना हमारा काम नही है डॉक्टर का काम है डॉक्टरी पढ़ के डॉक्टरी में जाना। पूरे गांव में डॉक्टर तो है नही और बतिया रहे है बड़े -बड़े बात।
वही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों के डिमांड पर नाराज ग्रामीणों ने सीएमओ से कहा हमारे गांव में डॉक्टर थी तो आप ने लिया, उसकी जिंदगी ले लिए तब सीएमओ ने कहा कहा के डॉक्टर? कौन है डॉक्टर? तब ग्रामीणों ने जवाब दिया निर्भया का नाम नही सुने है। तब सीएमओ बलिया ने बिना सोचे समझे
कह दिया काहे के लिए दिल्ली भेज दिए थे यही क्यों नही रखे।अब सवाल ये उठता है कि एक वरिष्ठ अधिकारी को ऐसा बोलने का हक किसने दिया। ग्रामीणों की समस्या सुनने और उनका समाधान निकालने के बजाय सीएमओ साहब ग्रामीणों से उलझते नजर आए और एक बाद एक बेतुके और शर्मसार करने वाले शब्द ग्रामीणों को सुनाने लगे।
निर्भया के गांव की बदहाली का जिम्मेदार आखिर कौन है जहाँ न ही निर्भया के दोषियों को अब तक सजा मिली और न ही निर्भया के गांव को इंसाफ के साथ विकास मिला