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निर्भया के गांव के लोग दुखी, लेकिन कोर्ट के फैसले से खुश 

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अमित कुमार —-  निर्भया के साथ क्रूरतम अपराध से देश मे बड़ी हलचल हुई थी ।कंनून में बदलाव हुआ ।लंबी न्यायिक प्रक्रिया चली 7वर्ष 26 दिन बाद जब कोर्ट से डेथ वारंट जारी हुआ तो बलिया में जश्न का माहौल देखा गया ।हर लोगो ने खुशी का इज़हार किया . लेकिन निर्भया का गांव मेड़वर कला जहां निर्भया केस  को कवर करने देश विदेश का मड़िया  पहुँच  गया हे। बलिया से 40 किलोमीटर का यह गांव आज भी विकास के राह  देख  रहा हे। गड्डो भरी सड़क पर चल कर  इस गांव तक पहचा जाता हे।  बलिया के नरही थाना क्षेत्र का मेंड़वरा कला निर्भया  का गांव ।16 दिसम्बर 2012 में निर्भया के मरने के बाद सुखियो में आया 
इस गांव में पहुचना आसान नही था । यह गांव जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित गड्ढो में तब्दील सड़क से मेंड़वरा गांव के लिए जाना कठिन  था ।सुबिधा विहीन गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पहुँचे और गांव में निर्भया के इच्छानुसार गांव के चौमुखी विकास का वादा किया ।
गांव के विकास के लिए पैसे भी अवमुक्त होने लगे पर विकास उसी चौराहे पर खड़ा होकर नजरें झुकाए सिस्टम के कोड़े सहने को मजबूर रहा ।
निर्भया को भले 8 वर्ष बाद अब न्याय तो मिला 22 को आरोपियों को मिली हैं फाँसी की सजा। पर गांव के विकास की राहें अभीभी कठिन दिख रही हैं बदहाली की आशु रोता निर्भया का गाँव।
हॉस्पिटल बना आधा अधूरा ,सड़क बनी लेकिन वैसी की वैसी है ।1करोड़ की लागत से सीसी रोड बनी पर 17 दिन में टूट गयी ।230 शौचालय के पैसे गांव पहुँचा बना एक भी नही ।
गांव का वह विद्यालय जहाँ कभी निर्भया का बचपना गुजरा वह आज भी  निर्भया के गांव के विकास कि कहानी बयां कर रहा है ।


मैने गांव में निर्भया के दादा लालजी सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक से बात कि तो गांव के विकास और भ्रष्टाचार की कहानी बयां किये ।पी 0 डब्लू डी ने सड़क बनाई ,स्वास्थ्य विभाग का हॉस्पिटल बना जिलापंचायत ने सी सी रोड बनाया लेकिन ये कार्य लोकार्पण से पहले ही दम तोड़ दिए । लोकार्पण के शिलापट्ट कि धुंधली तस्वीर खुलकर बोल रही हैं ।शिलापट्ट लगाने से पहले ही सच्चाई मिटा दी गयी ।
निर्भया के दादा की जुबानी

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