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बलिया में खाद्यान घोटाले में पूर्व खण्ड विकास अधिकारी को गिरफ्तार किया 

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अमित कुमार, बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में खाद्यान घोटाले का मुख्य सूत्रधार पूर्व खण्ड विकास अधिकारी को EOW वाराणसी ने गिरफ्तार कर लिया है। जनपद बलिया में वर्ष 2002 से वर्ष 2005 तक केन्द्र सरकार द्वारा चलायी गयी सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (SGRY) के अन्तर्गत जनपद बलिया के विकास खण्ड हनुमानगंज के विभिन्न गांवों में मिट्टी/नाली निर्माण/ खण्डजा निर्माण/पटरी मरम्मत कार्य/सम्पर्क मार्ग निर्माण/सीसी रोड निर्माण/पुलिया निर्माण कार्ययोजनाओं में मानक के अनुरूप कार्य न करा कर सरकारी 1450690 रूपये का खाद्यान तथा 1580660 रूपये नकद का भुगतान फर्जी अभिलेखों में दर्शा कर गबन किये जाने के संबंध में थाना सुखपुरा जनपद बलिया पर मु0अ0सं0 42A /2006 धारा 409,419,420,467,468,471,120B,34 भादवि व 13(2) भ्रष्टाचार अधिनियम का अभियोग पंजीकृत कराया गया। प्रकरण की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रकरण की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी को सौपी गयी। पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी द्वारा प्रकरण की विवेचनात्मक कार्यवाही एवं दोषी पायी गये अभियुक्तों की विरूद्ध विधिक कार्य़वाही करने हेतु निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीम गठित की गयी। दिनांक 30/12/2019 को गठित टीम के निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा, मु0आ0 संजय सिंह, आ0 विनीत कुमार पाण्डेय व आ0 शशिकान्त सिंह एवं थाना दुबहड़ पुलिस के सहयोग से प्रकरण के मुख्य आरोपी तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी हनुमानगंज बलिया अखिलेश कुमार पाण्डेय पुत्र कमलाकर पाण्डेय उम्र 61 निवासी जनाड़ी थाना दुबहड़ बलिया को सायंकाल में उनके निवास स्थान से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त किया गया। सतेन्द्र कुमार पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी के द्वारा बातचीत के दौरान अवगत कराया गया कि खाद्यान घोटाले से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर उत्तर प्रदेश के शासन के निर्देशानुसार किया जा रहा है। दोषी पाये गये अभियुक्तों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही त्वरित गति से की जा रही है। महत्वपूर्ण है कि सम्पूर्ण ग्रामीण योजना के अन्तर्गत निर्धन व निर्बल वर्ग के व्यक्तियों के कल्याण व उन्हे रोजगार दिलाने के उदेश्य से केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गयी थी। जिसके अन्तर्गत इन वर्गों को खाद्यान व नगद राशि दिया जाना था।साथ ही इस योजना के क्रियान्वयन का मुख्य उद्देश्य बिना टैक्ट्रर बिना ठेकेदारी, बिना बिचौलिये के स्थानीय ग्रामीण परिवारों को रोजगार देकर सीधा खाद्यान एवं नगद लाभ पहुचाने का उद्देश्य था। इस घोटाले से भारत सरकार द्वारा चलायी गयी योजना का सफल क्रियान्वयन नही हुआ और भारत सरकार द्वारा क्रियान्वयन की गयी सम्पूर्ण ग्रामीण योजना विफल हो गयी । इस आपराधिक कृत्य में तत्कालीन अधिकारी पूर्णरूप से दोषी पाये गये जिसमें गिरफ्तार अभियुक्त की भूमिका मुख्य थी। इन्होंने अधिकारियों एवं कोटेदारों से मिलकर कार्ययोजनाओं की पत्रालियों पर पेमेन्ट आर्डर व मास्टर रोल पर एवं खाद्यान वितरण रजिस्टार में कूटरचना कर फर्जी हस्ताक्षर बनाया था। मास्टर रोल में दर्शायें गये श्रमिकों के नाम पता फर्जी पाये थे। गिरफ्तार अभियुक्त वर्ष 2003 में जिला सेवा योजन अधिकारी के पद पर तैनात रहे है। उस समय उनके पास विकास खण्ड हनुमानगंज का भी चार्ज था।ये कई विभागो का चार्ज था इनका इस प्रकरण में संलिप्त अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी के लिये भी टीम गठित की गयी है।

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