दीपावली का पर्व आते ही पटाखों की डिमांड बढ़ने लगती है ,ऐसे में पटाखा माफिया सक्रीय हो जाते है इनको स्थानीय पुलिस का संरक्षण भी होता है तभी इतनी भारी मात्रा में खुले आम पटाखे बनाने का काम जोर शोर से चलता रहता है , लेकिन उपजिलाधिकारी मवाना को जैसे ही इस की सूचना मिली तो फोर्स के साथ गोपनीय छापेमारी कर कई ट्रक बना हुआ माल बरामद किया गया ।
खेतो में सड़क किनारे बने गोदाम हो या गांव के अंदर मकान में बने तहखाने , इन सभी के अंदर मौत का वो सामान रखा हुआ है जिसमे एक चिंगारी ही हजारो जान के लिए भारी पड सकती है , लेकिन सठला गांव की ये तंग गलियां जिनमे घर-घर में मौत से खेलकर ये बारूद का कारोबार चल रहा है , इस मौत के कारोबार के पीछे किसी जैन का नाम सामने आ रहा है जो इस पुरे गोरखधंधे का माफिया है । मास्टरमाइंड जोकि पटाखा बनाने वालो को पैसे देकर 2 प्रतिशत पर माल बनवाता है, आस पास के जनपदों में बेचता है । लेकिन पुलिस प्रशासन में उसकी मजबूत पकड़ के चलते कोई उस पर हाथ नहीं डाल पाता । इतना ही नहीं विगत वर्ष भी अप्रैल माह में 17 गाड़ी पटाखे पकडे गए थे जिनको भी पुलिस ने सेटिंग कर पटाखा माफिया जैन के ही गोदाम में रखवा दिया था जबकि जैन के पास कोई लाइसेंस भी नहीं था जिसको धीरे धीरे से पटाखे जैन को दे दिए गए यंहा मौके से पकडे गए लोगों में प्रशासन के इस एक तरफ़ा रवैये से नाराजगी भी खूब थी ।
प्रदीप शर्मा
मेरठ -Hind news tv