जब गुजरात में 2002 में दंगे हुए थे तब भी ऐसी स्थिती नहीं देखी तो जो अब हुआ है यह कहना है 22 साल से अहमदाबाद में रह रहे कृष्णचंद्र शर्मा का। उन्होंने कहा कि आज कर ऐसी स्थिती की गुजरात छोड़ के जाना पड़े। यहीं हाल उन सब लोगों का है जो गिजराती नहीं है और वो गुजरात में रह हैं। दरअसल, 28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर कस्बे के पास के एक गांव की 14 महीने की बच्ची के साथ रेप हुआ। इस रेप के आरोप में पुलिस ने बिहार एक व्यक्ति (रघुवीर साहू) को गिरफ्तार किया। इस घटना के बाद से ही पूरे राज्य में गैर गुजरातीयों पर हमला होने लगा। भीड़ जिन लोगों को अपना शिकार बना रही है उनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के लोग हैं।
वहीं कांग्रेस विधायक जिस पर इन हमलो को उकसाने का आरोप है उन्होंने इस हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कांग्रेस विधायक अल्पेश ठकोर ने कहा कि हमने कभी हिंसा की वकालत नहीं की है। गुजरात में रह रहे सभी भारतीय सुरक्षित हैं। सोशल मीडिया को एक बार फिर हिंसा फैलाने के लिए एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया। साइबर सेल ने अब तक करीब 180 लोगों को हिंसा फैलाने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया।
जिन इलाकों में गैर गुजरातियों पर बमले बढ़े है और वो गोल जिन मकानों में रहते है उनके मकानमालिकों ने भी उन्हें अपने कमरे खाली करने के लिए बोल दिया है। जिसके बाद से गुजरात से इन राज्यों के लिए जो बसे चल रही है उसमें जाने वाले लोगों की तादाद काफुी ज्यादा हैं। सोशल मीडिया पर लगातार धमकीभरे मैसेज भेजे जा रहे है जिनके अनुसार अगर गैर गुजरातियों नहीं गए तो उन्हें मार दिया जाएगा।