नई दिल्ली। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन के मुद्दे को लेकर राजनीति एक बार फिर गर्म हो चली है। विकीलीक्स ने खुलासा में कांग्रेस मुखिया सोनिया गांधी आरोप लगाया है। खुलासे में कांग्रेस पर बंग्लादेशी घुसपैठियों का साथ देने का आरोप लगाया गया है। विकीलीक्स के ये दावा है कि साल 2006 में जिस कानून को लाया गया था उसके तहत ही असम में अवैध रूप से रह रहे बंग्लादेशियों को विदेशी साबित करने की पूरी जिम्मेवारी प्रशासन के हाथ में थी। मगर इसके बाद कांग्रेस ने 2006 में वोट बैंक की राजनीति करने के लिए नये कानून को पेश किया था। विकीलीक्स का ये दावा है कि मुस्लिम वोटों को बटोरनें के लिए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपील की थी कि उनकी सरकार प्रवासियों के कानून को बदलने पर विचार कर रही है। सोनिया के अनुसार इस एक्ट में बदलाव किया जाएगा ताकि अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजे जाने की प्रक्रिया बंद हो जाए।
बता दें कि इसी से जुड़े कानून को 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था।यानी कि कांग्रेस ने गैर कानूनी और असंवैधानिक तरीके से अवैध बांग्लादेशियों का साथ दिया था। ताकि उनका इस्तेमाल वोटबैंक की तरह से किया जा सके।
बांग्लादेशी शरणार्थियों को अपना वोटबैंक बनाया
यही नहीं खुद अमेरिका के अधिकारियों का मानना था कि कांग्रेस सरकार, जिसने की 1983 में आईएमडीटी एक्ट को पास किया था वो मुसलमान बांग्लादेशी शरणार्थियों को अपना वोटबैंक मानते हुए उनके खिलाफ नरमी बरतते हुए राज्य की डेमोग्राफी में हो रहे बदलाव के बावजूद चुप्पी साध कर बैठी थी।
यही वो वजह थी जिससे कांग्रेस को लगा कि अगर असम में सत्ता में रहना है तो अवैध अप्रवासियों को देश के बाहर जाने से रोकना ज्यादा बेहतर है। विकीलीक्स के खुलासे ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस राजनीति में रहने के लिए देश की सुरक्षा के साथ भी समझौता करने को तैयार है और यही वजह है वो आज असम में एनआरसी का विरोध कर रही है। वोट बैंक की राजनीति हमेशा से ही कांग्रेस है मुख्य एजेंडा रहा है और आज भी वो यही कर रही है।