राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले सरकार के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई हैं। राज्य में एक बार फिर जाट आंदोलन करने का मूड बना रहे हैं। राज्य के जाट नेताओं ने शुक्रवार को आंदोलन करने की धमकी दी थी और सरकार को अवगत कराते हुए कहा था कि अगर आग सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।
भरतपुर से जाट नेता और कुम्हेर डीग से कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह ने सरकार को आज शाम तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा था सरकार शाम तक हमारी मांगों को पूरा करने की तरफ सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो कल से जाट आंदोलन शुरू होगा। उन्होंने कहा, ‘पिछले आंदोलनों के दौरान मैंने जनता को मना लिया था लेकिन इस बार जनता नहीं मानेगी।’
उल्लेखनीय हो, राजस्थान में एक लंबे अरसे से जाट नेताओं की मांग है कि भरतपुर धौलपुर के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया जाए। साथ ही पुराने आंदोलकारियों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए। राजस्थान की वसुंधरा सरकार को आंदोलने की धमकी दे रहे लोगों का कहना है कि सरकार उनकी मांगो पर पिछले एक साल से आश्वासन दे रही है। लेकिन कर कुछ नहीं रही हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनावों में अब दो महिने का समय भी नहीं बचा हैं और ऐसे में जाटों द्वारा आंदोलन करना बीजेपी सरकार पर भारी पड़ सकता है। और सवाल यह भी है कि क्या आरक्षण की आग सुलगाकर चुनाव जीते जाएेंगे।