नई दिल्ली: बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 73 के स्तर पार कर गया, जो रुपये के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है । यह रुपये में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है, ऑटो एवं आईटी के शेयरों में हुई बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार की चाल को बिगाड़ कर रख दिया। बुधवार को सेंसेक्स 550.51 अंक से अधिक अंक टूटकर 35,975.63 पर बंद हुआ जबकि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10,900 के अहम सपोर्ट लेवल को तोड़ते हुए 10,851.20 पर जा पहुंचा। निफ्टी में 14 शेयर हरे निशान में जबकि 36 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
बुधवार सुबह सेंसेक्स 76.71 अंकों की बढ़त के साथ 36602.85 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 25.6 अंकों की गिरावट के साथ 10,982.70 पर खुला था लेकिन आखिरी घंटों में बाजार में बिकवाली हावी हो गई और निवेशकों को जबरदस्त नुकसान का सामना करना पड़ा।
सेंसेक्स में सबसे ज्यादा पिटाई महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों की हुई। कंपनी का शेयर करीब फीसद टूटकर पर बंद हुआ। वहीं टीसीएस, मारुति और इंफोसिस के काउंटर पर भी भारी बिकवाली हुई ।
क्यों गिर रहा है रुपया
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल का भाव 4 साल की ऊंचाई पर पहुंच गया है। ओपेक के उत्पादन नहीं बढ़ाने के फैसले से क्रूड में उछाल आया है। ब्रेंट क्रूड 81 डॉलर प्रति बैरल को पार गया है. जिससे रुपए पर दबाव बढ़ा है।
वहीं, चीन द्वारा अमेरिका से ट्रेड पर बातचीत रद्द किए जाने का भी असर हुआ है। इसके अलावा बुधवार को फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरें बढ़ाने की उम्मीद भी से रुपया कमजोर हुआ है।
14 फीसदी टूटा रुपया- इस साल रुपए में करीब 14 फीसदी तक कमजोरी आई है। क्रूड की कीमतें बढ़ने, ट्रेड वार, कैड बढ़ने की आशंका, डॉलर में मजबूती, घरेलू स्तर पर निर्यात घटने और राजनीतिक अस्थिरता जैसे फैक्टर्स की वजह से रुपए पर लगातार दबाव बना हुआ है।
अब क्या करेगा RBI-एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिर रहा है और सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। ऐसे में आरबीआई ब्याज दरें बढ़ाकर इस पर लगाम लगा सकता है, इससे पहले सन 2013 में भी रुपये की गिरावट को रोकने के लिए उस समय के आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने यहीं कदम उठाया था।