राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे के आने सामने है और कांग्रेस इस मुद्दे पर पीछे हटती नहीं दिख रही है। आज जहां पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सरकार पर आरोप लगाया कि अगर मोदी सरकार ने राफेल की डील यूपीए के शासन काल से सस्ते में की तो क्यों नहीं उन्होंने 126 विमानों का समक्षोता किया। तो वहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी से पूछा कि आखिर क्यों यूपीए के दौरान राफेल डील नहीं हो सकी।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आखिर क्यों राफेल डील यूपीए के शासनकाल में नहीं हो सकी थी और न ही दसॉल्ट और एचएएल के बीच उत्पादन को लेकर सहमति बन सकी थी। किस वजह से एचएएल और राफेल के बीच साझेदारी नहीं हो सकी। यूपीए को जवाब देना चाहिए कि वे एचएएल या भारतीय वायुसेना के हितों का ख्याल क्यों नहीं रख सके।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एंटनी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि स्क्वॉर्डन्स की आदर्श क्षमता 42 विमानों की है। यूपीए के शासनकाल में ही यह क्षमता कम होने लगी थी और 2013 तक यह घटकर 33 पर आ गई थी।
वहीं रक्षा मंत्री ने कांग्रेस के उस आरोप पर भी जवाब दिया जिसमें वो लगातार कह रही है कि मोदी जी ने बिना किसी से बात किए ही राफेल डील कर ली। रक्षा मंत्री ने कहा, पीएम या राष्ट्रपति कभी डील की बारीकियों की चर्चा नहीं करते, यह काम दोनों पक्षों के विशेषज्ञ करते हैं।