आगरा। आगरा के खेरिया मोड इलाके के हिंदुओं और मुसलमानों ने सांप्रदायिक सद्भाव का एक नमूना पेश किया है। हिंदू और मुसलमानों ने जन्माष्टमी का त्योहार एक साथ मिलकर मनाया। इस इलाके में संयुक्त रूप से इस उत्सव का जश्न मनाने की यह परंपरा लगभग 15 वर्षों से चली आ रही है।
एक स्थानीय निवासी मो. शादिल कुरैशी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हम कई महीनों पहले से इसकी तैयारी शुरू करते हैं और सभी हिंदू-मुसलमान इसके लिए बहुत मेहनत करते हैं। सजावट से लेकर सेट अप तक हम सब सभी मिलकर काम करते हैं। हम मानते हैं कि त्योहारों का जश्न मनाने में कोई धर्म या जाति का भेदभाव नहीं होना चाहिए। हम पिछले 15 वर्षों से यह काम कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे भी वही बने रहें। हम चाहते हैं कि हिन्दू-मुस्लिम पूरे देश में इस तरह से एक साथ आकर स्नेह बांटें।
इलाके में त्यौहार आयोजित करने वाली क्षेत्रीय बाजार समिति के अध्यक्ष हरिशंकर शुक्ला ने कहा कि वे इस प्रयास के माध्यम से प्यार और भाईचारे का संदेश फैलाना चाहते हैं।
हमारा विचार यह है कि समाज में हर किसी को प्यार और भाईचारे के साथ रहना चाहिए। पूरे साल हम अलग-अलग त्योहारों को व्यवस्थित करते हैं जिन्हें एक साथ मनाया जाता है। अगर समाज में हर कोई प्यार और स्नेह के साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से रहता है, तो हमारा राष्ट्र प्रगति करेगा। हम जन्माष्टमी मना रहे हैं पिछले 15 सालों से इस तरह से हर कोई काम करता है।
हिंदू-मुस्लिम एकता के विषय के अनुसार, ‘जन्माष्टमी’ के अवसर के लिए बैनर में एक तरफ भगवान कृष्ण को चित्रित करते हैं और दूसरी ओर क्रिसेंट और स्टार के इस्लामी प्रतीक को चित्रित करते हैं।