दतिया। मध्यप्रदेश के दतिया जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही का एक मामला सामने आया है। जिला अस्पताल की नर्स द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने के बाद 1 मरीज की मौत हो गई जबकि 25 से ज्यादा मरीजों की तबीयत और बिगड़ गई। जानकारी के अनुसार अस्पताल में नर्स ने एक ही सीरिंज से कई मरीजों को इंजेक्शन लगा दिए। हालांकि मामला उजागर होने के बाद सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
#MadhyaPradesh: 1 dead, 25 patients critical at District Hospital in Datia allegedly after wrong injections were used, y’day. Police say, “received a complaint that wrong injections were given to patients because of negligence of nurses. Report of medical board awaited. Probe on” pic.twitter.com/4mFrzWIivB
— ANI (@ANI) August 28, 2018
दरअसल, इमरत सिंह राजपूत (50) को मलेरिया होने पर सोमवार सुबह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी सोमवार शाम मौत हो गई। पीड़ित के परिजनों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई। वहीं गलत इंजेक्शन लगाने से कई मरीजों की हालत बिगड़ गई है। आपको बता दें कि बुधेड़ा निवासी शाम करीब 6.30 बजे डॉक्टर ने इमरत को इंजेक्शन लगाया। इसके 15 मिनट बाद उसकी हालत बिगड़ी और कुछ ही पल में उसकी मौत हो गई। इस परिजनों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। विवाद बढ़ते देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया। यहां परिजनों ने पुलिस से शिकायत की। फिलहाल प्रकरण को जांच में लिया गया है।
Single syringe was used for all patients. Instead of distilled water, normal water was used by nurses. An inquiry is underway: Dr PK Sharma, Civil Surgeon pic.twitter.com/ua2z4dEQmA
— ANI (@ANI) August 28, 2018
मामला यहीं नहीं रुका। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उस समय फिर उजागर हुई जब एक के बाद एक करीब 25 मरीजों की तबीयत बिगड़ी। बुखार और एक्सीडेंट के मरीजों को भी ये इंजेक्शन दिए गए। वॉर्ड प्रभारी डॉ. कमला वर्मा के निर्देश पर मेल नर्स डी. गौतम ने मरीजों को डेकडेन इंजेक्शन लगाए थे। इंजेक्शन लगाने के कुछ पल बाद ही इन मरीजों को अचानक कंपकंपी के साथ घबराहट महसूस होने लगी। इस पर अस्पताल प्रबंधन भी सक्रिय हुआ और तुंरत दूसरे इंजेक्शन दिए गए। जिससे मरीजों को राहत हुई। रिपोर्ट के मुताबिक यहां नर्स गलत इंजेक्शन भी लगा रहे थे और इंजेक्शन लगाने के दौरान सीरिंज भी नहीं बदल रहे थे। बताया जा रहा है कि नर्स इंजेक्शन लगाने के पहले सीरिंज को डिस्टिल्ड वॉटर की बजाए साधारण पानी की उपयोग किया जा रहा था। मतलब सीरिंज को सही तरीके से स्टरलाइज्ड नहीं किया जा रहा था।
मामला सामने के आने के बाद सिविल सर्जन डॉ. पीके शर्मा ने पूरी घटना की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। जिसकी रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।