रिर्पोटों की मानें तो देश की आर्थिक वृद्धि दर सुधार की राह पर है। मोजूदा वित्त वर्ष में इसके 7.5 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद भी है और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने रविवार को कहा कि यह चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए एक अच्छी खबर है,
साथ ही विरमानी ने कहा कि अमेरिका चीन के बीच व्यपार को लेकर छिड़े युद्ध से भारत के पास अमेरिका को अपना निर्यात बढ़ाने का मौका है।
घरेलू स्तर पर वृहद स्थिरता के रास्ते में प्रमुख जोखिम चुनावी साल में सरकार का निवेश और वित्तीय मजबूती की कीमत पर किया गया सरकारी व्यय है। यदि इससे बचा जा सकता है तो देश चालू वित्तवर्ष में 7.5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है।
इस साल विकास दर में बढ़ोतरी होने के अनुमान की सबसे बड़ी वजह है, ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ना, निजी निवेश में बढ़ोतरी होना, एक्सपोर्ट सामान्य रहना और शहरी इलाकों में खपत की ग्रोथ स्थिर रहना। इन सारी गतिविधियों की वजह से ही आने वाले दिनों में विकास दर में बढ़ोतरी होगी।