‘अटल तुम लौट के आना’, ‘भारत माता की जय’ के गगनभेदी नारों के बीच पूरे विधि-विधान और वैदिक मंत्रोचारण के साथ हरिद्वार के हर की पैड़ी पर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया गया। अटल जी की अस्थि विसर्जन के निमित्त कर्म-कांड उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य, दामाद रंजन भट्टाचार्य, नातिन निहारिका भट्टाचार्य और भांजे अनूप ने किया। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित स्थानीय व बाहर से आए गणमान्य व्यक्तियों के साथ बड़ी संख्या में संतगण प्रमुख रूप से मौजूद थे।
#WATCH: Late #AtalBihariVajpayee‘s daughter Namita immerses his ashes in Ganga river at Har-ki-Pauri in Haridwar. Granddaughter Niharika, Home Minister Rajnath Singh and BJP President Amit Shah also present. #Uttarakhand pic.twitter.com/ETBCsAF3Dp
— ANI (@ANI) August 19, 2018
अपने प्रिय जन-नायक नेता को अंतिम विदाई देने के लिए गंगा घाट पर लाखों की संख्या में अटल समर्थकों का जन-सैलाब उमड़ पड़ा। एक तरफ वाजपेयी परिवार के तीर्थ पुरोहित पंडित अखिलेश शर्मा और श्रीगंगासभा के आचार्य हरिओम जैवाल अस्थि विसर्जन का कर्म-कांड संपन्न करा रहे थे तो दूसरी तरफ उनके प्रसिद्ध भाषण की पंक्तियां गूंज रही थी’… मरने के बाद भी गंगाजल में बहती हुई हमारी अस्थियों को कोई कान लगाकर सुनेगा तो एक ही आवाज आयेगी, भारत माता की जय।’
वहीं आज सुबह अटल जी का अस्थि कलश लेकर उनके परिजन, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे जौलीग्रांट हवाई अड्डे से हरिद्वार भल्ला कॉलेज स्टेडियम अस्थाई हैलीपैड पहुंचे। यहां से अस्थि कलश को रथ में तब्दील सेना के ट्रक में रख अस्थि कलश यात्रा हरकी पैड़ी रवाना हुई। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी को अपने श्रृद्धा सुमन अर्पित करने को जन-सैलाब सड़कों पर उतर आया। विदेशियों ने भी उन्हें श्रृद्धा सुमन अर्पित किए। पूरे रास्ते पर अटल के कट-आउट लगे हुए थे जिस पर उनके भाषण और कविताओं की पंक्तियां लिखी हुई थी।