केरल में पिछले कई दिनों से लगातार भयंकर बारिश हो रही है। जलस्तर इतना बढ़ गया है, कि डर के मारे लोगों की नींद के साथ-साथ चैंन तक उड़ गया है, जो लोग अभी तक इस तबाही से बचे हुए वो इसी सोच के साथ जी रहें हैं, कि कहीं पानी उनके भी घर में ना घुस जाए, आधी रात में कहीं घर छोड़कर परिवार के साथ भागना ना पड़।
लगातार हो रही भहंकर बारिश की वजह से राज्य के बड़े-बड़े हिस्सों में बाढ़ आ गई है। लोगों के घरों में पानी भर गया है, उनका सामान पानी में तैर रहा है। बर्तन और कपड़े बह गये है घर तहस-नहस हो चुका है। खाने पीने के लिए खाना नही है। केरल की इस बार की बारिश और बाढ़ ने 100 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़कर रख दिया है।
केरल के कई इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए है। बाढ़ के पानी को बाहर निकालने के लिए केरल सरकार ने 80 डैम तक खोल दिए है। केरल की इस तबाही में अब तक 324 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग दो लाख 25 हजार लोग बेघर हो गए है। बेघर लोग करीब 1,568 सरकार द्वारा बनाये गये राहत कैंपों में पनाह लिए हुए हैं।
बाढ़ प्रभावित केरल के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा कि है, उनकी तरफ से 5 करोड़ रुपये की राशि और 5 करोड़ रुपये का भोजन और जरूरी सामानों के रूप में भेजा जाएगा। केरल के 4 जिलों अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, पथनमतित्ता और त्रिशूर में बाढ़ की स्थिति बेहद खतरनाक है। बाढ़ की वजह से केरल के ज्यादातार अस्पतालों में डॉक्टरों का स्टाफ घटकर 30 से 35 फीसदी रह गया, जबकि अस्पतालों में मरिजों की संख्या 80 से 90 फीसदी तक बढ़ गई है। वहीं अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सिजन सप्लाई, दवाई और अन्य चीजों के लिए स्टॉक की कमी से कई अस्पताल जूझ रहे हैं।