पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी अपने राजनीतिक जीवन में कुल मिलाकर 47 साल तक संसद के सदस्य रहे। इस दौरान वह 10 बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिये चुने गए।
मात्र एक बार वह 1984 में लोकसभा चुनाव हारे थे, जब कांग्रेस के माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर में उन्हें करीब दो लाख वोटों से शिकस्त दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी भारत रत्न से भी सम्मानित हैं।
जब अटल जी AIIMS में भर्ती थे तब पूरे देशभर में लोग लगातार उनके लिए दुआ कर रहे थे, कहीं उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए हवन किया जा रहा था, तो सैकड़ों लोग AIIMS अस्पताल के सामने खड़े होकर अटल जी अमर रहे के नारे लगा रहे थे।
लेकिन न दुआ काम आई और न दवा। देखते ही देखते देश के लिए ऐसी सकारातमक सोच रखने वाले व्यक्ति ने हमे अकेला छोड़ दिया। वाजपेयी के निधन से देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
सभी राज्य की सरकारों ने अपने राज्य में अटल जी को श्रद्धांजलि दी, साथ ही साथ पूरे देश में 7 दिन का शोक जारी किया गया है। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर विभिन्न दलों के शीर्ष नेता और राज्यों के मुख्यमंत्री उनके दिल्ली स्थित आवास 3, कृष्णा मेनन मार्ग पर उमड़ पड़े।
नई दिल्ली में कृष्णा मेनन मार्ग स्थित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य और पौत्री निहारिका भट्टाचार्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांत्वना दी। इस मौके गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी यहां मौजूद थे।