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पत्रकार भी थे कवि भी थे जानें कैसा रहा अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन का सफर

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अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति का एक ऐसा चेहरा जिसे शायद ही कभी कोई भूल पाए। अटल बिहारी वाजपेयी जी पिछले 50 सालों से राजनीति में सक्रिय रहे। राजनीति के सफर में वह सबसे आदर्शवादी राजनेता रहें। उनके जैसा राजनेता भारत को मिलना बहुत सौभाग्य की बात है। उनके बहुत से कामों की वजह से आज भारत इस मुकाम पर है। जवाहरलाल नेहरू के बाद अगर कोई 3 बार प्रधानमत्रीं बना तो वो अटल जी है। आपको बता दें की वह इकलोते ऐसे नेता रहें जो 4 अलग-अलग प्रदेशों से सांसद चुने गए। अटल जी राजनीति में आजादी के पहले ही आ गए थे। और गांधी जी के साथ भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया था।

अटल जी की बायोग्राफी

अटल जी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्णा बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। उनके पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी अपने गांव के महान कवी और एक स्कूलमास्टर थे। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ग्वालियर के बारा गोरखी के गोरखी ग्राम की गवर्नमेंट हायरसेकण्ड्री स्कूल से शिक्षा ग्रहण की थी। बाद में वे शिक्षा प्राप्त करने ग्वालियरविक्टोरिया कॉलेज गये और हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में डिस्टिंक्शन से पास हुए। उन्होंने कानपूर के दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज से पोलिटिकल साइंस में अपना पोस्ट ग्रेजुएशन एम.ए में पूरा किया। इसके लिये उन्हें फर्स्ट क्लास डिग्री से भी सम्मानित किया गया था।

अटल जी की राजनीति की शुरूआत

अटल जी नें ग्वालियर के आर्य कुमार सभा से राजनैतिक काम करना शुरू किया, वे उस समय आर्य समाज की युवा शक्ति माने जाते थे और 1944 में वे उसके जनरल सेक्रेटरी भी बने।

1939 में एक स्वयंसेवक की तरह वे राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गये। और वहां बाबासाहेब आप्टे से प्रभावित होकर,उन्होंने 1940-44 के दर्मियान आरएसएस प्रशिक्षण कैंप में प्रशिक्षण लिया और 1947 में आरएसएस के फुल टाइम वर्कर बन गये।

अटल बिहारी वाजपेयी भारत के 10 वे पूर्व प्रधानमंत्री है। वे पहले 1996 में 13 दिन तक और फिर 1998 से 2004 तक  भारत के प्रधानमंत्री बने रहे। वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता है। भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेसरहित भारत की पांच साल तक सेवा करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री थे। इसके अलावा लोकसभा चुनावों में वाजपेयी जी ने नौ बार जीत हासिल की है।

वाजपेयी भारतीय जन संघ के संस्थापक सदस्य भी है, वाजपेयी जी नें भारतीय जन संघ का संचालन भी किया है। मोरारजी देसाई के कैबिनेट में वे एक्सटर्नल अफेयर मंत्री भी रह चुके है।

जिस समय जनता सरकार पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी थी उस समय वाजपेयी जी ने जन संघ को भारतीय जनता पार्टी के नाम से 1980में पुनर्स्थापित किया। और पूरा जीवन उसी के लिये समर्पित किया।

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