अलीगढ़ में सरकारी स्कूल में खिलाई गई कीड़े मारने की दवा से दो बच्चों को दस्त की शिकायत के बाद नगला नारायण सिंह में मौलाना ने मस्जिद से ऐलान किया, कि मुस्लिम बच्चे सरकारी स्कूल में दी गई कोई भी चीज न खाएं। इसका असर यह हुआ कि मुस्लिम विद्यार्थियों ने मध्यान्ह भोजन नहीं किया। जानकारी होने पर प्रधान ने इस बात की सूचना पुलिस को दी, तो पुलिस वहां पहुंच गई, इस पर मोबाइल स्विच ऑफ कर मौलाना भूमिगत हो गए। हालांकि देर शाम मौलाना ने सफाई देते हुए माफी मांग ली, जिसके बाद मामला रफा-दफा करने की बात सामने आई है
दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ के जवां विकास खंड के गांव सपेराभानपुर के माजरा नगला नारायण सिंह का है, जहां प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार को पेट के कीड़े मारने वाली दवा विद्यार्थियों को खिलाई गई थी। शनिवार को तड़के पर मदरसे में पढ़ने पहुंचे इनमें से कुछ बच्चों को दस्त की शिकायत हुई। मौलाना हुमैद ने उन से 1 दिन पहले खाई गई चीजों के बारे में पूछा तो छात्रों ने स्कूल में दवा खाने की बात बताई। इस पर मौलाना हुमैद ने मस्जिद से ऐलान करते हुए फरमान सुनाया कि स्कूल में अध्यापकों की ओर से दी जाने वाली कोई भी चीज ना खाएं, चाहे फिर वह दवा हो या खाना।
आपको बता दें नगला नारायण सिंह के प्राथमिक विद्यालय में 172 विद्यार्थी पंजीकृत है, जिनमें 130 ही पहुंचते हैं। शनिवार को 81 विद्यार्थी ही स्कूल में पहुंचे थे। जिनमें से 30 छात्रों ने ही मध्यान्ह भोजन किया, इस बात पर प्रधानाध्यापिका उरमेश चौहान ने ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह को बताया उनकी सूचना पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी, और सभी के बयान दर्ज किए। हालांकि इस मामले पर मौलाना ने अपनी अपील वापस ले ली है।
हिंद न्यूज़ टीवी के लिए अलीगढ़ से अमित कुमार